यहां सोया बड़ी सबसे आगे

मांग बढ़ी तो कीमत भी बढ़ी



भाटापारा। हरी सब्जियां भले ही राहत दे रहीं हों लेकिन सूखी सब्जियों में तेजी दुकानदारों को भी परेशान करने लगीं हैं। यह परेशानी निरंतर घटती मांग के रूप में देखी जा रही है।

एक ही तरह की सब्जियों का सेवन करके उब चुके उपभोक्ताओं के लिए सूखी सब्जियों की खरीदी महंगी पड़ रही है। दलहन की लगभग हर वह प्रजाति, जिसका उपयोग सब्जी बनाने के लिए किया जाता हैं, उन सभी की कीमत रोज बढ़ रही है। हालत यह है कि हर जगह अलग-अलग कीमत बताई जा रही है।

सोया बड़ी सबसे आगे

ग्रामीण अंचल में बहुतायत के साथ उपयोग की जाने वाली सोयाबीन की बड़ी अब 100 रुपए किलो में ही खरीदी जा सकेगी। आउटर एरिया की दुकानों में 110 से 115 रुपये देने होंगे। पूरे साल मांग में रहने वाली यह सूखी सब्जी आने वाले दिनों में और महंगी हो सकती है।

पीछे झुरगा भी नहीं

राजमा और झुरगा। ऐसी खाद्य सामग्री है, जिनका उपयोग होटल और रेस्टोरेंटों में अच्छी मात्रा में होता है। चना खैरी और चना गुलाबी की हर सुबह, दोपहर और शाम, मौजूदगी अनिवार्य है। कीमत की बात करें, तो झुरगा 65 से 70 रुपए किलो पर पहुंच गया है। राजमा की कीमत इसके आसपास ही है। चना खैरी 55 से 60 रुपए और गुलाबी में भाव 65 से 75 रुपए के आसपास बताया जा रहा है।

गर्म यह भी

पूरे साल मांग में रहता है मटर। इसमें हरा और सफेद मटर की कीमत 58 से 65 रुपए किलो के आसपास बताई जा रही है। मूंग खड़ा 110 से 120 रुपए किलो और उड़द में प्रति किलो भाव 95 से 110 रुपए किलो बताया जा रहा है। कमजोर मांग के बावजूद खड़ा मसूर में कीमत प्रति किलो 75 से 80 रुपए के आसपास स्थिर है।