बढ़ेंगे फाटोकापी के दाम
ए-4 पेपर में भी डेढ़ गुना इजाफा
बिलासपुर । ब्रांडेड 2400 नहीं, 3500 रुपए में मिलेगा। टोनर की यह नई कीमत फोटो कापी करने वाली संस्थानों के लिए गहरा झटका देने वाली मानी जा रही है। लिहाजा लोकल के लिए रुचि दिखाई जा रही है लेकिन यह भी दोगुनी कीमत पर मिल रही है।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग का असर तेजी से फैलाव ले रहा है। फोटो कापियर्स पहले से ही कागज की बढ़ी कीमत से हलाकान हैं। परेशानी में बढ़त इसलिए देखी जा रही है क्योंकि टोनर की कीमत ने तेजी का नया रिकॉर्ड बना लिया है। मालूम हो कि टोनर के लिए जरूरी केमिकल भी आयात के जरिए ही मिलता है। फिलहाल इस पर भी ब्रेक लगा है।
ऐसी है कीमत
टोनर की उपभोक्ता मांग सबसे ज्यादा फोटो कापी करने वाले क्षेत्र से निकलती है। मांग अभी भी है इसलिए यह क्षेत्र ब्रांडेड टोनर की खरीदी 3400 से 3500 रुपए में करने के लिए विवश है। तेजी के पहले तक यह 2300 से 2400 रुपए में मिल रहा था। आ रही गर्मी के बाद अब मांग का दबाव लोकल टोनर पर पड़ता नजर आ रहा है लेकिन यहां भी बढ़ी कीमत से सामना हो रहा है। 700 रुपए में मिलने वाले लोकल टोनर के लिए 1200 रुपए देने पड़ रहे हैं।

बढ़त यहां भी
यूक्रेन से पल्प आयात के रास्ते बंद हैं। स्थानीय स्तर पर बन रहा पल्प घरेलू मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं है। इसलिए अन्य देशों से आयात हो रहा है। असर यह कि फाइन पेपर की कैटेगरी में रखा जाने वाला ए-4 पेपर डेढ़ गुना महंगा हो गया है। यह तेजी हलाकान करने वाली है लेकिन मजबूरी में 140 रुपए प्रति पैकेट की खरीदी के लिए 250 रुपए देने पड़ रहे हैं। मांग के दिन हैं। इसलिए बढ़ी हुई कीमत पर यह उपभोक्ताओं तक पहुंच रहा है।
पीछे यह भी नहीं
प्रिंट करने के पहले आकार देने के लिए काटे जाने वाले कागज से निकलने वाला वेस्ट भी महंगा हो चुका है। सब्जी और फलों की पैकिंग करने वालों को इसकी खरीदी 20 रुपए किलो में करनी पड़ रही है। तेजी के पहले तक यह 12 से 13 रुपए में खरीदी जा रही थी। वेस्ट की दूसरी क्वालिटी ‘कतरन’ की दर में हैरत डालने वाली तेजी आ चुकी है। इस समय यह 10 रुपए किलो पर पहुंचा हुआ है। पहले इसकी कीमत मात्र 2 रुपए थी।

आयात बंद इसलिए तेजी
टोनर के लिए जरूरी केमिकल की शॉर्टेज हो रही है। इसलिए कीमत बढ़ी हुई है। स्थिति सामान्य होने का इंतजार है।
– अनिल अग्रवाल, संचालक, अंकुर प्रिंटर्स, बिलासपुर