सुपर फूड मखाना बीज 5 सौ से डेढ़ हजार रुपये किलो


रतनपुर में भी व्यावसायिक खेती की संभावना


बिलासपुर। 500 से 1500 रुपए किलो। मखाना बीज की यह कीमत इसलिए बोली जा रही है क्योंकि इससे बनने वाली खाद्य सामग्री की पहली कड़ी मखाना को सुपर फूड की केटेगरी में शामिल कर लिया गया है।

मखाना। सुपर फूड की सूची में नया नाम। महामारी के दौर में जिस तरह मोटा अनाज के गुणों की पहचान हुई और लोकप्रियता व स्वीकार्यता बढ़ी है, उसने फिर से ऐसी फसलों की खेती ओर किसानों का रुझान बढ़ाया है। विश्व स्तर पर हो रहे प्रयास के बीच मखाना की खेती को लेकर रुझान बढ़त लेता नजर आता है क्योंकि इसमें भी कई असाध्य बीमारियों को खत्म करने के गुण मिलें हैं। यही वजह है कि इसके बीज की कीमत आसमान पर पहुंची हुई है।

इसलिए गर्म

विश्व में मखाना की मांग का 75 फ़ीसदी हिस्से की आपूर्ति करने वाला बिहार इस समय जबरदस्त मांग के दबाव में है। सुपर फूड की श्रेणी में लिए जाने के बाद घरेलू मांग में भी भारी तेजी आई हुई है। इसका सीधा असर बीज पर देखा जा रहा है क्योंकि बीज से ही मखाना बनता है। रही-सही कसर सीजन की मांग पूरा कर रही है।

छत्तीसगढ़ में यहां

औषधीय गुणों के खुलासे के बाद अपने छत्तीसगढ़ में धमतरी ऐसा दूसरा जिला होगा, जहां इसकी व्यावसायिक खेती की शुरुआत हो चुकी है। इसके पहले तक प्रदेश में केवल महासमुंद ही एकमात्र ऐसा जिला था, जहां पर मखाना की बोनी होती है। संभावना की तलाश रतनपुर में भी की जा रही है, जहां तालाबों की अच्छी-खासी संख्या है। इसके साथ रुचि रखने वाले किसान भी रतनपुर क्षेत्र में है।

उच्च और सूक्ष्म पोषक तत्व

मखाना में जिन औषधिय तत्वों के होने की जानकारी मिली है उनमें सबसे प्रमुख गुण यह है कि इसका सेवन वजन कम करने में मदद करता है। मधुमेह पर नियंत्रण तो रखता ही है, साथ ही पाचन तंत्र को मजबूत करता है। जोड़ों का दर्द खत्म करने में सहायक है, तो नियमित सेवन से ह्रदय से संबंधित रोग नहीं होते। किडनी और लीवर के लिए मददगार माना गया है।

तेजी आगे भी

छत्तीसगढ़ में मखाना की खेती फिलहाल महासमुंद जिले में ही हो रही है। मखाना में सीजन की मांग है, इसलिए बीज की खरीदी बिहार से करनी पड़ रही है। धारणा तेजी की ही है।
– सुभाष अग्रवाल, संचालक, एस पी इंडस्ट्रीज, रायपुर