नालियों का पानी और कचरा सड़क पर

भाटापारा। प्रांगण का कचरा सड़क पर। संस्थानों और घरों का भी वेस्ट मैनेजमेंट रोड पर। यह मंडी रोड है। दुर्गंध और नालियों के पानी से बचना है, तो इस मार्ग पर आवाजाही नहीं करें तो ही श्रेष्ठ होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि शिकायतों का सुनना और हल करना छोड़ा जा चुका है।

इसके पहले इसी मार्ग से थोड़ा हटकर कहिया तालाब से निकाली गई गाद परेशान कर चुकी है। न पालिका प्रशासन ने ध्यान दिया, न जनप्रतिनिधियों ने हल को लेकर रुचि दिखाई। जैसे-तैसे करके समय गुजारा गया। अब वह नालियां परेशानी की वजह बन रहीं हैं, जिसका बनाया जाना चालू हो चुका है। ऐसे में नालियों का पानी सड़क पर ही फैल रहा है या किनारे जमा हो रहा है। रही- सही कसर प्रांगण का वेस्ट पूरा कर रहा है, जिसे सड़क पर ही फेंका जा रहा है।

सावधानी वांछनीय

फव्वारा चौक से बस स्टैंड जाने वाली मंडी रोड का निर्माण पूरा हो चुका है लेकिन नालियों को व्यवस्थित किया जाना शेष है। ऐसे में बनाए गए गड्ढों से होता हुआ, यह प्रदूषित पानी सड़क के किनारे ठहराव ले रहा है। कचरा प्रबंधन की स्थिति कैसी होगी ? इससे ही जानी जा सकती है कि घरों और संस्थानों का वेस्ट सड़क पर ही फेंका जा रहा है। इसलिए आवाजाही से पहले सतर्कता वांछनीय है।

मेरी मर्जी

इस बात से इंकार नहीं है कि सड़क आपकी है लेकिन सुरक्षा और स्वच्छता की जिम्मेदारी का भी भान होना चाहिए लेकिन यह सिरे से गायब है। प्रांगण के भीतर का वेस्ट सड़क पर डाला जा रहा है। सहज ही जाना जा सकता है कि बारिश होने की स्थिति में यह वेस्ट बाहर की नालियों को किस तरह जाम करता होगा? लेकिन मेरी मर्जी की तर्ज पर काम हो रहा है।

यह भी चुप हैं

स्थानीय निकाय में चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं। कृषि उपज मंडी में भी नई भारसाधक समिति ने पदभार ग्रहण कर लिया है, लेकिन बारिश के पहले दौर में ही जैसी अव्यवस्था सामने आ रही है, उसे लेकर यह सभी चुप हैं। ऐसी स्थितियों में नगरपालिका और कृषि उपज मंडी के अधिकारियों से राहत की उम्मीद करना व्यर्थ ही होगा। इसलिए इस मार्ग पर आवाजाही के दौरान सतर्कता जरूरी है।