भाव में आने लगी तेजी

भाटापारा। नासिक का साथ नहीं मिलता, तो चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी में राहत देने वाला गन्ना और गन्ना जूस के लिए अपना प्रदेश तरस जाता। कीमत भले ही पसीने छुड़ा रही हो लेकिन कोल्ड ड्रिंक्स के बाजार में अभी भी यह अपेक्षाकृत राहत देने वाली मानी जा रही है।

छत्तीसगढ़ में गर्मी की डिमांड के लिए बोई गई गन्ना की फसल लगभग अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। भीषण गर्मी के बीच गन्ना जूस सेंटरों की मांग को पूरा करने में अपना छत्तीसगढ़ असमर्थ हो गया है। सीजन की मांग से शीर्ष पर पहुंचा गन्ना जूस के लिए अब महाराष्ट्र के गन्ना उत्पादक क्षेत्र से इसकी आपूर्ति चालू हो गई है। इसमें इस समय नासिक ही ऐसा क्षेत्र है, जो अकेले अपने दम पर छत्तीसगढ़ की डिमांड पूरा कर रहा है।

छत्तीसगढ़ की फसल खत्म

अपने प्रदेश में कवर्धा, पंडरिया, प्रेमनगर, बेमेतरा और बालोद जिले के आसपास गन्ना की खेती का क्षेत्र हैं। शक्कर कारखाने की डिमांड पूरी करने वाले यह क्षेत्र खुले बाजार की भी मांग को पूरी करते हैं। ग्रीष्मकाल में गन्ना जूस की मांग पूरी करने वाले यह क्षेत्र अब पूरी तरह खाली हो चुके हैं। लिहाजा गन्ना जूस सेंटरों की डिमांड महाराष्ट्र से पूरी की जाने लगी है।

महाराष्ट्र का नासिक

महाराष्ट्र का नासिक प्याज की खेती के लिए देशभर में अलग ही पहचान रखता है। अब यह गन्ना की ऐसी प्रजाति की बोनी के लिए पहचान बना रहा है, जिसका उपयोग जूस के लिए होता है। शुगर प्रजाति के गन्ने की खेती यह पहले से ही करता आ रहा है। नई प्रजाति की बोनी के बाद छत्तीसगढ़ को जूस के लिए गन्ने की मांग फिलहाल नासिक ही पूरी कर रहा है।

1400 से 1600 रुपए

भीषण गर्मी में देश स्तर पर निकली मांग से कोल्ड ड्रिंक का बाजार पहले से ही हांफ रहा है। मांग की तुलना में कमजोर आपूर्ति से यह दबाव, सीधे-सीधे गन्ना जूस पर देखा जा रहा है। इसलिए 1200 से 1400 रुपए क्विंटल पर मिलने वाला गन्ना 200 रुपए की गर्मी के बाद 1400 से 1600 रुपए क्विंटल की नई कीमत पर पहुंच गया है। बाजार इसमें अभी और तेजी की धारणा को लेकर चल रहा है।