जगह की कमी से कामकाज की गति हुई धीमी

भाटापारा। 2 दिन के अवकाश के बाद खुली कृषि उपज मंडी में मंगलवार का दिन, भारी गहमा-गहमी के बीच बीता। रबी फसल बेचने आ रहे किसान, पहला दिन प्रवेश के इंतजार में गंवा रहे हैं, तो दूसरा दिन विक्रय के बाद की परेशानियों में बिता रहे हैंं।

चालू माह के दिन कृषि उपज मंडी के लिए जैसे बीत रहे हैं, वह किसी सजा से कम नहीं। मिलर्स परेशान हैं, तो किसान हलाकान हैं। अभिकर्ता, व्यवस्था किसी तरह पटरी पर लौटे, इसके प्रयास में हैं लेकिन भरपूर आवक के बीच काम का दबाव जैसा बना हुआ है, वह सभी के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है।

प्रांगण से सड़क तक

5 जिले की रबी फसल की आवक के बाद मंडी प्रांगण का कोना- कोना पैक हो चुका है, तो बाहर सड़क पर यातायात अलग से बाधित हो रहा है। तीन कतार में लगी भारी वाहनों को प्रांगण में प्रवेश के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। भीतर प्रांगण की स्थिति ऐसी है कि चलने को भी जगह की तलाश करनी पड़ रही है।

काम की गति धीमी

जगह की कमी की वजह से कटाई ,भराई और तौलाई के बाद के सभी काम की गति बेहद धीमी हो चली है। जगह की तलाश के बीच, होती परेशानी का सामना सभी पक्ष कर रहे हैं। इस बीच एक बात फिर से उठ रही है कि श्रमिकों की संख्या नहीं बढ़ाने के पीछे वजह क्या है ? कहा जा रहा है कि जब तक यह काम नहीं किया जाएगा, तब तक अव्यवस्था का सामना किया जाता रहेगा।