रबी फसल की बंपर आवक ने खोली, एक और विभाग की पोल

भाटापारा। गुरुवार को जो कुछ भी हुआ उसने यह बात प्रमाणित कर दी कि बंटवारे के बाद घर ही नहीं मन के भीतर भी एक ऐसी मजबूत दीवार खड़ी हो जाती है, जिसे तोड़ा नहीं जा सकता। बात हो रही है यातायात और पुलिस की, जिनके बीच भी ऐसी ही दीवार खड़ी हो चुकी है।

बढ़ती गाड़ियां, रोज होती सड़क दुर्घटनाएं, सिग्नल तोड़ कर यातायात व्यवस्था को चौपट करने जैसी जानकारियों के बीच चालू सप्ताह के पहले दिन से रबी फसल की आवक जैसी बनी हुई है, उससे मंडी प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं तो यातायात व्यवस्थित करने में समस्याएं आ रहीं हैं। गुरुवार को यह समस्या तब और बढ़ी, जब चौतरफा आवक के बाद यातायात जाम हो गया। तब मंडी प्रशासन को मजबूर होकर यातायात जवानों की मदद लेनी पड़ी। जिन्होंने देर शाम तक सब कुछ व्यवस्थित किया लेकिन जवानों को उस वक्त बेतरह परेशानी आई, जब शहर और ग्रामीण थाने से कोई मदद नहीं मिली।

हैं एक ही परिवार के

पुलिस और यातायात पुलिस। एक ही परिवार के दो सदस्य। सुख- दुख के साथी होने की बजाए गुरुवार को यातायात पुलिस को अकेले संभालने पड़ी यह व्यवस्था। स्वीकृत कार्यबल की कमी को झेलती यातायात पुलिस को, न ग्रामीण थाने से मदद मिली, ना शहर पुलिस से सहायता। नाराजगी इसलिए बढ़ रही है क्योंकि जानकारी के बावजूद सहायता नहीं मिली, ऐसे में जवानों ने किसी तरह यातायात व्यवस्था बहाल की।

इस पर ध्यान नहीं

स्पीड बाइकर्स पर लगाम कसने और सुगम व सुरक्षित यातायात के लिए लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल बंद क्यों हैं ? तेज धूप, तेज बारिश से जवानों को बचाने के लिए ट्रैफिक आईलैंड कब सुधारे जाएंगे ? स्वीकृत 28 जवानों के कार्यबल के विपरीत जवानों की संख्या महज 11 है ।यह कब सामान्य होगी ? जैसे सवालों के जवाब खोजे तो जा रहे हैं लेकिन जवाब जिनको देना है, उनकी चुप्पी से दिक्कतें बढ़ ही रहीं हैं।

हम नहीं सुधरेंगे

अतिक्रमण के लिए ख्यात अपने शहर में इस समय मंडी रोड चर्चा में है। सड़क निर्माण होना है। नापजोख भी हो चुकी है। बावजूद इसके, अतिक्रमण बेखौफ हो रहे हैं । भारी आवक के बाद यातायात के जाम होने के कारणों की जब जांच की गई, तब यह पता चला कि इस मार्ग पर निर्माण सामग्री, वर्कशॉप, होटल, पान ठेले तो मजबूत हो ही चुके हैं, साथ ही सीमेंट ,छड़ बेचने वाली संस्थानों ने भी मार्ग का काफी हिस्सा रोक रखा है।

इन्हें समझाईश

रबी फसल की बंपर आवक के बीच अव्यवस्था का सामना करती कृषि उपज मंडी प्रशासन से अपेक्षा की गई है और सलाह भी दी गई है कि प्रवेश और निकास द्वार अलग-अलग रखें। प्रतिकूल दिनों में यातायात बाधित न हो, इसके लिए अपने क्षेत्र के मार्ग की मार्किंग करवाएं। ताकि वाहनों को उसी क्रम में प्रवेश और निकास का मार्ग मिल सके।