बैरिस्टर छेदीलाल कृषि कालेज में मनाया गया अक्ती तिहार

बिलासपुर। अक्ती का दिन हमारी संस्कृति के साथ कृषि परंपरा में भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। आज से ही नई फसल के लिए तैयारी शुरू हो जाती है। यह बात बैजनाथ चंद्राकर अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी मर्यादित अपेक्स बैंक रायपुर ने कही।

बैरिस्टर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र बिलासपुर में अक्ती तिहार व माटी पूजन दिवस पर कार्यक्रम हुआ। मुख्य अतिथि चंद्राकर ने कहा हमारे पूर्वजों ने इस त्यौहार को धरती माता से जोड़ा है। उनका संदेश यही था कि हमारे जीवन का मूल यही माटी है। इसे हमेशा जीवंत मानते हुए उसका आदर सम्मान करना चाहिए। राज्य के अन्नदाता किसानों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी हम सब की है। वैज्ञानिक अनुसंधान का लाभ तभी है जब वह किसानों के खेतों तक पहुंचे। श्री. चंद्राकर ने डॉ. रामलाल कश्यप द्वारा आम के विभिन्न किस्मों के संग्रहण एवं छत्तीसगढ़ में कृषि के क्षेत्र में उनके योगदान को याद किया। अक्ती तिहार पर मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के संदेश का श्री चंद्राकर ने वाचन कर मिट्टी के संरक्षण व संवर्धन की शपथ दिलाई. परंपरागत खेती से धरती को बचाने का संकल्प लिया। उन्होंने किसानों को परंपरागत खेती को बढ़ावा देने, समृद्ध संस्कृति और परंपरा की ओर लौटने के लिए प्रोत्साहित किया।

प्रक्षेत्र में माटी व पारंपरिक पूजा कराई गई। इस महा अभियान के माध्यम से रासायनिक खादों और कीटनाशकों के स्थान पर जैविक खाद, वर्मी कंपोस्ट और गोमूत्र के प्रयोग को बढ़ावा दिए जाने का संकल्प लिया गया।
अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय डॉ. आर.के. शुक्ला ने आयोजन पर प्रकाश डाला।
अक्षय तृतीया अक्ती तिहार के अवसर पर जैविक उत्पाद और उन्नत बीजों की प्रदर्शनी, कृषक प्रशिक्षण एवं कृषक संगोष्ठी के माध्यम से वैज्ञानिकों ने उन्नत खेती के बारे में जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन वैज्ञानिक अजीत विलियम्स व युष्मा साव ने किया। आभार वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एस. पी. सिंह ने व्यक्त किया। इस अवसर पर महापौर रामचरण यादव, प्रमोद नायक विजय केशरवानी, संदीप शुक्ला,  राजेंद्र शुक्ला व राजेंद्र साहू कृषि, उद्यानिकी, कृषि सहकारिता, कृषि अभियांत्रिकी, मत्स्य पालन विभाग , कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र व कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारी, प्राध्यापक, वैज्ञानिक, कर्मचारी, किसान व छात्र- छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

किसान भी होते हैं वैज्ञानिक

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आनंद मिश्रा, सदस्य प्रबंध मंडल, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर ने कहा अन्नदाता किसान भी वैज्ञानिक होते हैं। खेती किसानी को समृद्ध बनाने के लिए परंपरागत ज्ञान के द्वारा वे बदलाव कर अन्न पैदा कर बढ़ती हुई आबादी का भरण पोषण कर रहे हैं, यही समझ आज आम आदमी में भी होना चाहिए।

स्वस्थ परंपराओं की ओर लौटने का है समय

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अटल श्रीवास्तव, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल ने कहा हम इस समय जिन तौर तरीकों से खेती कर रहे हैं वह प्रकृति की पूजा और सेवा की हमारी परंपरा के अनुरूप नहीं है। यह समय अपनी स्वस्थ परंपराओं की ओर लौटने का समय है। उन्होंने महाविद्यालय परिसर पर बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल की आदमकद प्रतिमा स्थापना की घोषणा की।

उत्कृष्ट कृषकों व डेयरी पालकों का हुआ सम्मान

जिले के उत्कृष्ट कृषको एवं डेयरी पालको को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। केसीसी नगद ऋण वितरण शाखा सरकंडा द्वारा क्षेत्र के कृषकों को ऋण, सेवा सहकारी समिति मर्यादित पौसरा द्वारा वर्मी कंपोस्ट खाद बिक्री की राशि किसानों को वितरित की गई। अक्ती तिहार के अवसर पर छात्र-छात्राओं हेतु आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को मुख्य अतिथि ने प्रमाण पत्र वितरित कर पुरस्कृत किया।