इंतजार में बीते ढाई महीने

तिल्दा। ढाई माह बीते लेकिन आवेदन पर कार्रवाई तो दूर, पूछताछ तक नहीं हुई। अब यह आवेदन फाइलों में कैद हो चुका है और इस पर नए आवेदनों का बोझ बढ़ता जा रहा है। कब होगी कार्रवाई ? सिनोधा का यह सवाल अब भी जवाब की बाट जोह रहा है।

अतिक्रमण और बेजा कब्जा के सैकड़ों मामलों के बीच, सिनोधा का यह मामला इसलिए थोड़ा अलग है क्योंकि फरियादी के रूप में यहां ग्राम पंचायत खुद ही उपस्थित है। तहसीलदार से सहयोग नहीं मिलता देख, अब पंचायत ने अपने स्तर पर ही निपटाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं क्योंकि यह स्व-सहायता समूह से जुड़ा हुआ है।

इसलिए अहम

ग्राम सिनोधा की यह भूमि, महिला स्व-सहायता समूह को देने का विचार था। यह समूह, कॉपी व अन्य स्टेशनरी सामान निर्माण का काम करती है। कोरोना काल में बढ़ी हुई मांग के बाद, इस काम को गति मिली। लिहाजा जगह की जरूरत आन पड़ी। अब समूह को जगह चाहिए, इसलिए उसने पंचायत से भूमि मांगी है।

अब यह दिक्कत

महिला स्व-सहायता समूह की मांग पर संज्ञान लिए जाने पर यह जानकारी मिली है कि यह अवैध कब्जा की भेंट चढ़ चुकी है। लिहाजा संबंधित व्यक्ति को पंचायत ने समझाया लेकिन बात नहीं बनी। इसलिए पंचायत की बैठक में प्रस्ताव पास करवाकर, जगह खाली करवाने का आवेदन तहसील कार्यालय भेजा गया है।


न्याय के इंतजार में

13 अगस्त को ग्राम पंचायत की बैठक में शासकीय भूमि क्रमांक 372 में अवैध कब्जा को हटाने का मामला रखा गया। मामला नहीं सुलझने की स्थिति में तहसीलदार के लिए आवेदन तैयार कर लिया गया। सहमति के बाद यह आवेदन 29 अगस्त को सक्षम अधिकारी को दिया गया लेकिन ढाई माह बीत गए, कार्रवाई का इंतजार जारी है।


ग्राम पंचायत सिनोधा की इस समस्या पर पूरा ध्यान है। बहुत जल्द कार्रवाई की जाएगी।

  • सरिता मदरिया, तहसीलदार, तिल्दा


जरूरत दोनों पक्ष की है। आवेदन पर कार्रवाई नहीं हो रही है। इसलिए पंचायत स्तर पर ही निपटाने के प्रयास होंगे।

  • लक्ष्मण गिरी, सरपंच, सिनोधा

तहसीलदार को आवेदन दिया गया है लेकिन कार्रवाई अब तक नहीं हुई है।

  • प्रदीप वर्मा, सचिव ,ग्राम पंचायत सिनोधा