विदा लेते मानसून की झड़ी से किसान परेशान

बिलासपुर। विदा लेते मानसून ने महाराष्ट्र में जैसा रूप दिखाया है, उससे प्याज उत्पादक किसान हतप्रभ है। प्याज की तैयार फसल को निकालने में अब पूरा महीना लग सकता है लिहाजा, त्यौहारी मांग के बाद सीमित सप्लाई से तेजी आने लगी है। लहसुन स्थिर बना हुआ है, नहीं तो हालात गंभीर रूप ले सकते थे।

आलू, प्याज और लहसुन, सब्जी बाजार में ऐसी चीज है जो मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन साध कर चलती है। बीते एक पखवाड़े से प्याज की बढ़त ले रही कीमत से कारोबार तो परेशान है ही, साथ ही वह उपभोक्ता भी हलाकान है, जो हरी सब्जी की आसमान छूती कीमत के बाद इन तीनों पर निर्भर है। आलू तो राहत दे रहा है लेकिन प्याज की बढ़ रही कीमत ने त्यौहारी सीजन में परेशान करना चालू कर दिया है।


इसलिए आ रही तेजी

खरीफ सत्र में ली गई प्याज की खेती, फसल का रूप ले चुकी है। महाराष्ट्र के प्याज किसान प्याज निकालने की तैयारी में ही थे कि विदा लेते मानसून ने रूप बदला और बारिश की झड़ी लगा दी। इससे तैयार फसल अब तक निकाली नहीं जा सकी है क्योंकि खेतों से पानी की निकासी अभी भी की जा रही है। इससे नई फसल की आवक में कम से कम एक पखवाड़े का समय और लग सकता है।


कमजोर आपूर्ति ने बढ़ाई कीमत

पितृ पक्ष की विदाई और नवरात्रि का त्यौहार चालू हो चुका है ।इससे फुटकर कारोबारी और घरेलू उपभोक्ताओं की मांग पहुंचने लगी है लेकिन शार्ट सप्लाई ने कीमत बढ़ा दी है। इस समय प्याज 3500 से 3600 रुपए क्विंटल पर खरीदी जा रही है। खुदरा बाजार तक पहुंचने के बाद उपभोक्ताओं को इस की खरीदी पर प्रति किलो 40 रुपए खर्च करने पड़ रहेहैं हैं।


लहसुन शांत

मौसम का साथ मिलने से लहसुन की फसल इस बार उत्पादन का रिकॉर्ड तोड़ सकती है। इसके असर से मंदी का दौर चलता नजर आता है। इस समय होलसेल मार्केट में लहसुन 2500 से 6500 रुपए क्विंटल की कीमत में उपलब्ध हो रहा है। क्रय शक्ति के मान से हर वर्ग का उपभोक्ता इसकी खरीदी कर सकता है।


राहत दे रहा आलू

हरी सब्जियों में तेजी बनी हुई है, इसलिए मांग का दबाव आलू पर दिखाई दे रहा है लेकिन अच्छी फसल और भरपूर आवक से कीमत ठहरी हुई है ।राहत देता आलू गोल होलसेल मार्केट में 1400 से 1500 रुपए और आलू पहाड़ी 1600 से 1700 रुपए क्विंटल पर आलू उपलब्ध है। उपभोक्ता तक इसकी पहुंच 20 रुपए किलो में हो रही है।