खाद्य तेलों में स्थिरता का रुख

भाटापारा। कल से शुरू हो रहा पितृपक्ष उड़द दाल में तेजी की खबर लेकर आ पहुंचा है। खाद्य तेल और काली तिल में भाव, स्थिरता के बने हुए हैं। तर्पण के लिए जरूरी माना जाने वाला कुश 10 से 20 रुपए में मिलेगा।

शायद यह पहला मौका होगा जब पितृपक्ष में खाद्य तेलों की कीमतों में स्थिरता का रुख देखा जा रहा है। आमतौर पर पितृपक्ष में, खाद्य तेलों की कीमतों की स्थिति को देखते हुए नवरात्रि पर भाव कैसे रहेंगे ? इसका अनुमान लगाया जाता रहा है। जैसी स्थिति बनी हुई है, उसे देखते हुए यह मानकर चला जा रहा है कि खाद्य तेलों में आगे के दिन भी ऐसे ही बने रहेंगे। इतना तय है कि दलहन की तेजी आने वाले दिनों में भी बनी रह सकती है।


उड़द और मूंग दाल में तेजी

दलहन के लिए बाजार की शुरुआत पितृ पक्ष से मानी जाती है जो दीपावली तक जारी रहती है। कल से शुरू हो रहे पितृपक्ष के पहले दिन उड़द में अपेक्षित तेजी देखी गई। उड़द दाल छिलका वाली 80 से 85 रुपए पर पहुंच गयी। मूंग दाल छिलका वाली और धुली में भाव 100 रुपए किलो पर पहुंच चुके हैं ।


तिल तेज, जौ शांत

पितृ तर्पण के लिए जौ और काली तिल का अहम स्थान है। पर्व की शुरूआती मांग और त्योहारी सीजन की तैयारी के बीच काली तिल 120 रुपए किलो पर पहुंच चुकी है तो, जौ 30 रुपए किलो पर स्थिरता का स्पष्ट संकेत दे रहा है। तिल के लिए आगे के दिन, शीत ऋतु तक तेजी की संभावना को स्पष्ट कर चुके हैं तो जौ में भाव टूटने के आसार हैं।


कुश दिखा रहा गर्मी

स्थानीय संग्राहकों और उड़ीसा से आने वाला कुश इस पितृपक्ष में आंशिक गर्मी के साथ पहुंच चुका है। 10 से 20 रुपए जोड़ी में इसकी बिक्री की जा रही है। अलबत्ता जनेऊ में भाव स्थिर बने हुए हैं। इसमें फिलहाल तेजी के आसार नहीं हैं।


खाद्य तेल स्थिर

पितृ पक्ष से शुरू हो रहा खाद्य तेल का बाजार इस बरस स्थिर है। सरकार की कड़ाई के बाद सोयाबीन तेल प्रति टीन 2300 से 2400 रुपए, राइस ब्रान 2200 से 2300 रुपए और वनस्पति में चिल्हर भाव 120 से 125 रुपए किलो पर आकर ठहरा हुआ है। तेजी की आशंका नहीं है।