भाटापारा। और तेज होगी अलसी क्योंकि वार्निश-पेंट यूनिटों की डिमांड निकल चुकी है। इसी तरह कच्चे आम की आवक ने सरसों की कीमत बढ़ाई हुई है। इधर दीपावली के लिए दलहन मिलें भंडारण कर रहीं हैं, इसलिए अरहर, चना, तिवरा और बटरी भी तेजी की राह पर है।

दीपावली की तैयारियां ईकाइयों में चालू हो चुकी है। इससे दलहन और तिलहन में तेजी का दौर चालू हो चला है। इसलिए यह तेजी दीर्घ अवधि तक बने रहने की धारणा है। विशेष रूप से तिलहन में अलसी की स्थिति आगे और भी मजबूत हो सकती है। वैसे भी पिछले एक पखवाड़े में इसमें क्विंटल पीछे 500 रुपए की तेजी आ चुकी है।बेहद मजबूत यह दोनों

बेहद मजबूत यह दोनों

500 रुपए की तेजी के बाद अलसी 6500 रुपए क्विंटल। इतनी ही तेजी की धारणा इसलिए बना रही है क्योंकि वार्निश-पेंट बनाने वाली ईकाइयों की डिमांड इसमें निकली हुई है। ठीक ऐसी ही स्थिति सरसों में भी बनी हुई है, जिसमें सरसों तेल उत्पादन करने वाली यूनिटों की खरीदी जारी है। इसके अलावा तिलहन फसलों को लेकर शासकीय प्रोत्साहन ने भी कीमत को बढ़ाने में पूरा सहयोग दिया हुआ है।उबाल दलहन में

उबाल दलहन में

दीपावली की तैयारी में लग चुकी है दलहन मिलें। अग्रिम तैयारी के तहत भंडारण ने अरहर को 6000 रुपए क्विंटल की ऊंचाई पर पहुंचाया हुआ है, तो चना खैरी 5300 से 5400 रुपए क्विंटल पर पहुंचकर और तेजी का संकेत दे रहा है। अलबत्ता 3500 रुपए क्विंटल पर तिवरा और बटरी 3800 रुपए क्विंटल पर पहुंचकर ‘वेट एंड वॉच’ जैसी स्थिति में है क्योंकि इसमें आने वाले दिनों में बोनी की भी मांग निकलेगी।भंडारण पूर्णता की ओर

भंडारण पूर्णता की ओर

धान मोटा और बारीक में भंडारण अब पूर्णता की ओर है। इसलिए दैनिक जरूरत पर ध्यान दे रहीं हैं चावल और पोहा बनाने वाली ईकाइयां। लिहाजा मध्य क्रम पर देखी जा रही है धान की कीमत। ऐसी स्थिति में एचएमटी 2400 से 2500 रुपए क्विंटल, सियाराम 3000 से 3100 रुपए क्विंटल और विष्णुभोग 5400 से 5500 रूपए क्विंटल पर शांत है जबकि महामाया 2000 से 2200 रुपए क्विंटल और सरना 1800 से 1900 रुपए क्विंटल पर स्थिर है।