अव्यवस्था दूर करने मंडी प्रशासन की कवायद


भाटापारा।  16,17, और 18 मई को आवक पर रोक। सभी का सहयोग वांछनीय है। उक्ताशय का आग्रह उद्घोषणा के जरिए मंडी प्रशासन ने किया है।

सप्ताह भर से चल रहे जाम से निजात पाने की कवायद आखिरकार मंडी प्रशासन ने चालू कर दी है। बंद की अवधि में बीते दिवसों की आवक को निपटाने के प्रयास किए जाएंगे ताकि 19 मई से कामकाज समय पर पूरा किया जा सके।

इसलिए आवक पर रोक

रबी फसल की बंपर आवक वैसे तो हर साल होती रही है लेकिन इस बार यह ज्यादा देखी जा रही है। फलस्वरूप प्रांगण सहित लगभग पूरा शहर जाम के साए में है। यह स्थिति आगत दिनों में और गंभीर होने के संकेत इसलिए भी मिल रहे हैं क्योंकि खरीफ की तैयारियां किसान और बाजार दोनों ने शुरु कर दी है। निजात पाने की दिशा में आवक पर अगले तीन दिन रोक का फैसला कितना सही होगा यह 19 मई को सुबह ही जाना जा सकेगा।

क्षमता से ज्यादा

मंडी सूत्रों के मुताबिक प्रांगण की क्षमता 35 हजार क्विंटल की है। जबकि आवक तीन से चार गुना ज्यादा हो रही है। यह इसलिए क्योंकि मोटा धान की सर्वाधिक खरीदी यहाँ की खाद्य प्रसंस्करण ईकाइयांं करतीं हैं। यही वजह है कि मुंगेली, कवर्धा, कोरबा, बिलासपुर और सारंगढ़ जिले के किसान उपज लेकर आ रहे हैं लेकिन उपज विक्रय के लिए किसानों को अर्थ एवं समय का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

स्थायी समाधान से दूरी

आवक की तुलना में अपेक्षित मजदूरों की कम संख्या को इस जाम की बड़ी वजह माना जा रहा है। इसलिए मजदूरों की संख्या बढ़ाने की जरूरत समझी जा रही है। नहीं हो पाने की स्थिति में सोसायटियों की तर्ज में उतराई, कटाई, भराई और तौलाई के साथ बाद के उपक्रमों में किसानों से सहयोग की मांग उठने लगी है।

16,17, और 18 मई को आवक पर रोक लगाई जा रही है। सभी से सहयोग की अपेक्षा है। रोक की अवधि में शेष काम को पूरा करने की कोशिश करेंगे। जरुरत पड़ी तो काम की अवधि भी बढ़ाएंगे ताकि 19 मई की आवक के लिए सब कुछ सामान्य मिले।
– सी एल ध्रुव, सचिव, कृषि उपज मंडी, भाटापारा