न्यूनतम 2800,अधिकतम 4500 रुपए क्विंटल
बिलासपुर। न्यूनतम 3500। अधिकतम 4500 रुपए क्विंटल। मंडी प्रांगण में 2800 से 2900 रुपए प्रति क्विंटल। गेहूं में बोली जा रही यह कीमत और बढ़ने की आशंका है क्योंकि कड़ाके की पड़ रही ठंड से फसल की बढ़वार पर ब्रेक लगने की आशंका है। यह स्थिति उत्पादन पर असर डाल सकती है।
गेहूं में बढ़ती कीमत से अब थोक और खुदरा बाजार भी प्रभावित होने लगा है क्योंकि तेजी की वजह से उपभोक्ता मांग में कमी आने लगी है। बीते एक पखवाड़े में गेहूं में 8 से 10% की तेजी दर्ज की जा चुकी है। इसे देखते हुए होलसेल और रिटेल मार्केट की नजर सरकार की ओर है, जहां से अपेक्षित कदम उठाने के संकेत मिल रहें हैं।

प्रयास और बाजार
गेहूं में लगातार तेजी को देखते हुए फ्लोर मिल क्वालिटी का गेहूं भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से आटा मिलों को बेचा जा रहा है। यह कीमत भी तेज मानी जा रही है। इसलिए भी खुले बाजार में मिल रहा गेहूं एक तरफा तेजी लिए हुए है। मंडी प्रांगण में पहुंच रहा गेहूं भले ही 2800 रुपए क्विंटल जैसी कीमत में नीलाम हो रहा हो लेकिन ओपन मार्केट में न्यूनतम 3500 रुपए और अधिकतम 4500 रुपए क्विंटल की जैसी कीमत भविष्य में भी तेजी का संकेत दे रही है।

चिंता भंडारण और आपूर्ति की
होलसेल मार्केट की नजर में सरकारी क्षेत्र में गेहूं के भंडारण और आपूर्ति व्यवस्था में कई तरह की खामियां हैं। सुधार की फौरन जरूरत है क्योंकि यह दोनों भी गेहूं में गर्मी की वजह बन रहे हैं। सलाह दी जा रही है कि ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत अधिक मात्रा में गेहूं की आपूर्ति होनी चाहिए तभी कीमतें नियंत्रण में रखी जा सकेंगी। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि मांग की तुलना में आपूर्ति कम ही है।

मौसम का साथ तेजी को
गेहूं में तेजी को मौसम का भी पूरा साथ मिल रहा है। बोनी भले ही समय पर किसानों ने की लेकिन कड़ाके की ठंड की वजह से तैयार हो रही फसल की ग्रोथ पर एक तरह से ब्रेक लगा हुआ है। पौधों को मानक मात्रा में धूप और गर्मी के नहीं मिलता देख कर गेहूं वैज्ञानिकों के बीच उत्पादन में प्रतिकूल असर को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है। इससे भी बाजार आशंकित है भविष्य को लेकर।