पीछे सियाराम और एच एम टी भी नहीं

भाटापारा। विष्णुभोग 5080 रुपए क्विंटल। तेजी दीर्घकाल तक बने रहने के आसार हैं क्योंकि खेती का रकबा लगातार कम हो रहा है। हाल सियाराम में भी ऐसे ही बने हुए हैं। जबकि एच एम टी 2800 से 3000 रुपए क्विंटल पर मजबूती का संकेत दे रहा है।

चिंता में हैं बारीक चावल बनाने वाली ईकाइयां क्योंकि विष्णुभोग और सियाराम जैसी बारीक धान की प्रजातियों की आवक लगातार घट रही है। यह आवक इसलिए घट रही है क्योंकि दोनों प्रजातियों की बोनी का रकबा साल-दर-साल घट रहा है। लिहाजा इस समस्या का समाधान खोज रहीं हैं ईकाइयां।

पहली बार पांच हजार पार

मांग के अनुरूप आवक का नहीं होना और प्रतिस्पर्धी खरीद की वजह से विष्णुभोग में भाव 5000 रुपए क्विंटल पर खुला और 5080 रुपए पर बंद हुआ। खरीदी को लेकर जैसा रुझान बना हुआ है उससे धारणा 6000 रुपए क्विंटल तक जाने की है। कमोबेश यही तेजी सियाराम में भी देखी गई, जिसकी खरीदी 3000 से 3200 रुपए क्विंटल पर की गई। खूब आवक होती है एच एम टी की लेकिन अब यह स्थिति नही रही। इसलिए इसमें सौदे 2800 से 3000 रुपए क्विंटल पर हुए।

पीछे यह भी नहीं

समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी का दौर निर्बाध गति से चल रहा है। इसलिए महामाया और सरना धान की भी आवक संतोषप्रद नहीं है। इसकी वजह से यह दोनों भी गर्मी दिखा रहे हैं। महामाया में सौदा 2700 रुपए क्विंटल पर शुरू हुआ और 2800 रुपए पर बंद हुआ। जबकि सरना तेजी का संकेत देता हुआ 2200 रुपए क्विंटल पर मजबूत है। तेजी की धारणा रबी फसल की आवक तक बने रहने की व्यक्त की जा रही है।

गर्म यह सभी

मंडी प्रांगण में गेंहू 2800 रुपए क्विंटल। लोकल मार्केट में बेस्ट क्वालिटी 3500 से 4500 रुपए क्विंटल। मंदी की संभावना दूर-दूर तक नहीं। मांग के दिनों ने दस्तक दे दी है इसलिए अरहर 6000 से 7000 रुपए, चना 6000 रुपए क्विंटल, तिवरा और बटरी 4800 से 5000 रुपए  क्विंटल जैसी कीमत के साथ दीर्घ अवधि तक तेजी का संकेत दिए हुए हैं। इसलिए प्रांगण पहुंचते ही सौदे हो जा रहे हैं।