भाटापारा। न्यूनतम 3900 रुपए। अधिकतम 4300 रुपए क्विंटल। कुछ इकाइयों का उत्पादन 4350 रुपए क्विंटल। पोहा मे अरसे बाद यह भाव बोले जा रहे हैं। धारणा कम से कम दीपावली तक तो ऐसे ही बने रहने की ही है।
पोहा में उपभोक्ता राज्यों की खरीदी चालू हो चुकी है। त्यौहारी सीजन की दस्तक से लोकल मांग भी जोर पकड़ती नजर आ रही है। ऐसे में पोहा उत्पादन करने वाली इकाइयों ने पोहा उत्पादन बढ़ाने की योजना पर अमल करना चालू कर दिया है। साथ ही आपातकालीन स्थितियों के मद्देनजर पोहा क्वालिटी के धान भंडारण के लिए धान की खरीदी की गति बढ़ा दी है।
निकली मांग इनकी
छत्तीसगढ़ में उत्पादित पोहा की खरीदी सबसे ज्यादा मात्रा में महाराष्ट्र करता है। आगत गणेशोत्सव और नवरात्रि के साथ दीपावली पर उठने वाली मांग को ध्यान में रखते हुए इसने अग्रिम खरीदी चालू कर दी है। साथ-साथ कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली से भी पोहा की मांग जोर पकड़ रही है। इसमें बढ़त की संभावना इसलिए भी बनी हुई है क्योंकि पोहा में अब प्रतिस्पर्धी खरीदी का माहौल बनता नजर आ रहा है।
बढ़त की ओर स्थानीय मांग
रक्षाबंधन के साथ त्यौहारों के दिन चालू हो चुके हैं। लिहाजा पोहा में घरेलू बाजार का भी रुझान बढ़ता नजर आ रहा है। खरीदी की मात्रा सामान्य ही है लेकिन इसमें बढ़त की प्रबल संभावना है क्योंकि मंदिर देवालयों में भोग और प्रसाद के दिन बढ़ने लगे हैं। साथ ही स्ट्रीट फूड काउंटर से मांग निकलने लगी है, तो घरेलू मांग भी सुधार की ओर है।
ऐसे हैं भाव
पोहा क्वालिटी के महामाया धान की आवक लगातार बनी हुई है। इकाइयों की मांग के बाद यह 2000 से 2350 रुपए क्विंटल पर मजबूत है। ऐसे में पोहा में सौदे 3900 से 4300 रुपए क्विंटल पर हो रहे हैं। क्वालिटी पर कड़ा नियंत्रण रखने वाली इकाइयों का उत्पादन 4350 रुपए क्विंटल की दर पर खरीदे जाने की खबर है। मांग की स्थिति को देखते हुए दीपावली तक यह मजबूती बने रहने की धारणा है।
कामकाज और व्यापारिक गतिविधियां सामान्य हैं। पर्व और त्यौहार के समय इसमें बेहतरी की उम्मीद है।
– रंजीत दावानी, अध्यक्ष, पोहा मुरमुरा निर्माता कल्याण समिति, भाटापारा