22 स्कूलों का सवाल अधिकारियों से
भाटापारा। सर, प्यून कब आएगा ? खंड क्षेत्र की 22 स्कूलों का यह सवाल अधिकारियों को परेशान कर रहा है। दरअसल 74 स्वीकृत पद की तुलना में महज 17 प्यून, स्कूलों में है। शेष 57 पद रिक्त हैं।
हद ही है कि टीचर ही नहीं, प्यून का भी इंतजार कर रहीं हैं हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलें। ऐसे में शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन के पूर्व की तैयारी, कई तरह की परेशानियों के साथ स्कूलों में प्रवेश कर चुकी है। क्या हल है? जैसे सवालों के साथ प्यून के लिए डिमांड भेजे जा रहे हैं।
भृत्य विहीन स्कूलें
शासकीय हाई स्कूल अकलतरा में स्वीकृत सभी तीन पद रिक्त हैं। शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल खपरी एस और ग्राम पासीद के लिए क्रमशः एक-एक पद स्वीकृत है लेकिन दोनों जगह प्रतीक्षा है प्यून की। ग्राम कोदवा, मोपर, मोपका में भृत्य के चार-चार पद स्वीकृत हैं लेकिन तीनों स्कूल भृत्य विहीन है। कोसमंदा की हायर सेकेंडरी स्कूल के लिए भृत्य के पांच पद मंजूर है लेकिन यहां भी भृत्य नहीं हैं। शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल सिंगारपुर भी रिक्त 3 पदों पर जल्द तैनाती की राह देख रहा है। शहर की पंचम दीवान हायर सेकेंडरी स्कूल और रामसागर पारा हायर सेकेंडरी स्कूल क्रमशः 4 और 3 रिक्त पदों के साथ भृत्य विहीन स्कूलों की सूची में शामिल है।
चाहिए 74, हैं 17
खंड शिक्षा क्षेत्र की 22 हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में दैनिक कामकाज के लिए भृत्य के 74 पदों की स्वीकृति दी गई है। अव्यवस्था यह है कि महज 17 भृत्य ही नियमित सेवा दे रहे हैं। शेष 57 पद रिक्त हैं। कब होगी व्यवस्था ? सवाल के जवाब फिलहाल तो नहीं मिल रहे हैं।
अपने स्तर पर यह व्यवस्था
स्कूल प्रवेश उत्सव के साथ नई शिक्षा सत्र की शुरुआत तो हो चुकी है लेकिन भृत्य के नहीं होने से स्कूल प्रबंधन, सफाई कर्मियों की मदद से साफ-सफाई और कार्यालयीन काम करवा रहे हैं। हालांकि काम के एवज में राशि देनी पड़ रही है लेकिन आवश्यक है यह काम इसलिए मंजूर है मेहनताना का दिया जाना ।
मुख्यालय भेजी जानकारी
स्कूलों में प्यून की दिक्कत को ध्यान में रखते हुए जिला मुख्यालय को जानकारी भेजी गई है। अस्थाई तौर पर शाला विकास निधि की राशि का उपयोग, स्कूलें कर सकती हैं।
– रामजी पाल, बीईओ, भाटापारा