है विकल्प लेकिन ध्यान नहीं दे रहा प्रशासन

भाटापारा।  बिजली बिल और किराए का भुगतान कैसे किया जा सकेगा ? होलसेल काउंटर को भी पिछले महीने का उधार वापस करना है। यह चिंता कृषि उपज मंडी क्षेत्र के आसपास की दर्जनों कारोबारी संस्थानों में देखी जा रही है क्योंकि चौतरफा आवक के बाद रोजाना की जाम, लगातार झटके दे रही है।

रबी फसल की चौतरफा आवक के बाद जाम से बचने के उपाय तो हैं लेकिन प्रशासन जिस तरह उदासीन बना हुआ है, उसने कारोबारी संस्थानों  की चिंता बढ़ाई हुई है। आवासीय क्षेत्र की परेशानी भी कमतर नहीं है क्योंकि सुरक्षित आवाजाही आसान नहीं है। लिंक रोड की भी स्थिति ठीक नहीं है क्योंकि उपज से भरी, भारी वाहनें दोनों किनारों पर अपनी बारी की प्रतीक्षा में हैं।

कारोबार ठप

चालू माह कई तरह की दिक्कतों के साथ सामने है। चौतरफा जाम से उपभोक्ताओं की पहुंच संस्थानों तक नहीं हो पा रही है। इस वजह से दैनिक जरूरत के लिए पूंजी संकट जैसी स्थितियां बन रहीं हैं। बड़ी चिंता किराया और बिजली बिल के  भुगतान को लेकर है, जिसके दिन एकदम करीब आ चुके हैं। लिहाजा सुरक्षित उपाय की खोज की जा रही है।

होलसेल की चुकानी है उधारी

चौतरफा जाम से उपभोक्ताओं की पहुंच खत्म। ऐसे में बीते माह होलसेल मार्केट से लिया गया सामान जस-का-तस पड़ा हुआ है। नया महीना करीब आ चुका है। इसलिए  होलसेल  से लाई गई उधारी की वापसी कैसे और कहां से की जा सकेगी ? यह चिंता इस वजह से भी बड़ी मानी जा रही है क्योंकि बारिश के दिनों के लिए भंडारण भी करना है।

इस पर सब मौन

पुराना बस स्टैंड। कृषि उपज मंडी प्रशासन की ही है यह भूमि। इस खाली जगह का उपयोग कृषि उपज लेकर आ रही भारी वाहनों की पार्किंग के लिए किया जा सकता है। इससे मुख्य मार्ग पर जाम से छुटकारा पाया जा सकेगा, तो  संस्थानों को कारोबारी गतिविधियों के संचालन में भी सुविधा मिलेगी। लेकिन मौन हैं जिम्मेदार।

By MIG