निकली खरीदी मूर्तिकारों की
गंगा मिट्टी 20 रुपए किलो
भाटापारा। 25 किलो की पैकिंग 325 रुपए। प्रति किलो 20 रुपए। गंगा मिट्टी की यह कीमत बढ़ सकती है क्योंकि देश स्तर पर मांग की शुरुआत हो चुकी है। पहला साल होगा जब जुलाई में निकलने वाली मांग मई के शुरुआती दिनों में ही निकल रही है।
गणेश उत्सव और नवरात्रि के पूर्व गंगा मिट्टी का कारोबार करने वाली संस्थानें हैरत में है क्योंकि मूर्तिकारों की आमदरफ्त न केवल होने लगी है बल्कि खरीदी भी शुरू हो चुकी है। मात्रा भले ही कम हो लेकिन पूछने पर जानकारी मिल रही है कि छोटे आकार की प्रतिमाओं की मांग निकली हुई है।

शिव और नंदी खूब
पूरे साल होने लगी है शिवालियों में शिव आराधना। इसी क्रम में भगवान जगन्नाथ और भगवान श्रीराम भी खूब पूजे जा रहे हैं। ऐसे में पूजाघरों में भगवान शिव और भगवान जगन्नाथ की मुखाकृति के लिए भक्त, मूर्तिकारों के पास पहुंच रहे हैं। नया और सुखद बदलाव यह कि इसमें नंदी की भी समान भागीदारी देखी जा रही है।

इसलिए गंगा मिट्टी
प्लास्टर ऑफ पेरिस से मूर्तियां बनाने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती तो एक वजह है ही लेकिन दूसरी वजह इसलिए बड़ी मानी जा रही है क्योंकि गंगा मिट्टी से बनाई जाने वाली प्रतिमाओं में चिकनाई अपेक्षाकृत ज्यादा आती है। साथ ही विसर्जन के बाद पानी में शीघ्र घुल जाते हैं। यह गुण पर्यावरण हितैषी माना जाता है।

पहली बार एडवांस सौदा
पश्चिम बंगाल का कोलकाता और गुजरात का भावनगर। यह दो ऐसी जगह है, जहां की गंगा मिट्टी में एडवांस सौदे की शुरुआत हो चुकी है लेकिन प्राथमिकता कोलकाता की गंगा मिट्टी को ही दी जा रही है। प्रति बोरी कीमत 325 और प्रति किलो भाव 20 रुपए किलो भले ही अभी बोली जा रही है लेकिन दाम बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा है।