रासायनिक कीटनाशकों से मिलेगी राहत, बचेंगे पैसे




बिलासपुर।  एक कार्ड, 20 हजार अंडे  याने इतने ही मित्र कीट मिलकर खत्म करेंगे शत्रु कीट को। ट्राईकोग्रामा नामक यह मित्र कीट, तना छेदक, इल्लियाँ और फसलों को तबाह करने वाली तितलियों को न केवल नष्ट करेंगे बल्कि उनके अंडे भी खत्म करेंगे।

हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के बाद अब छत्तीसगढ़ के किसान भी फसलों को शत्रु कीट से बचाने के लिए मित्र कीट की मदद  ले सकेंगे। अब तक रासायनिक कीटनाशी पर  निर्भर रहे किसानों के लिए  यह उपाय इसलिए राहत भरा माना जा रहा है क्योंकि रासायनिक कीटनाशक प्रबंधन हर साल महंगा हो रहा है। साथ ही शत्रु कीट की दोबारा वापसी जैसी आशंका लगातार बनी रहती है।

यहां हुआ तैयार

राज्य जैव नियंत्रण प्रयोगशाला, चोरभठ्टी। विश्व में मिलने वाली ट्राईकोग्रामा की 18 प्रजातियों में से ऐसे मित्र कीट का चयन किया गया जो चावल के कीट कोर्सेरा के अंडों पर आसानी से तैयार होते हैं। बहुगुणन और प्रयोग के बाद तैयार हुआ ट्राईकोग्रामा नामक मित्र कीट ट्राईकोकार्ड पर सवार होकर किसानों तक पहुंचने के लिए तैयार है। आगामी खरीफ सत्र से वितरण की योजना तैयार कर ली गई है।

ऐसे करता है काम

महज 8 से 10 दिन की जीवन अवधि वाला ट्राईकोग्रामा, प्रयोगशाला में बहुगुणन के बाद चावल के कीट, कोर्सेरा के अंडों के साथ 6×2 इंच के कार्ड पर इन्हें चिपकाया जाता है। एक कार्ड में 20 हजार अंडे होते हैं। इन अंडों से निकलकर ट्राईकोग्रामा कीट  शत्रु कीट के अंडों  को उसी अवस्था में नष्ट करता है। यह प्रक्रिया फिर से दोहराई जाती है। चूंकि एक फसल की अवधि में कई पीढ़ियां तैयार हो जातीं हैं। इसलिए शत्रु कीट को दोबारा हमला का अवसर नहीं मिलता।

ऐसे शत्रु कीट होंगे खत्म

तनाछेदक, फलछेदक और शत्रु इल्लियों के अंडों को नष्ट करने में सक्षम है ट्राईकोग्रामा, तो शत्रु तितलियों के अंडों को भी नष्ट करने में सफल रहा है। अनुसंधान और प्रयोग के बाद ट्राईकोग्रामा को गेंहू, ज्वार, बाजरा, धान, गन्ना और दलहन फसलों के साथ सब्जी फसलों पर लगने वाले शत्रु कीट के अंडों को खत्म करने में सफल पाया गया है।

रसायन मुक्त कीट प्रबंधन

जैविक खेती को लेकर हो रहे प्रयास और किसानों में बढ़ते रुझान के बीच ट्राईकोग्रामा जैसा नया उपाय निश्चित ही इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि इससे रासायनिक कीटनाशकों की खरीदी पर व्यय का बढ़ना कम किया जा सकेगा। साथ ही फसल और उत्पादन के साथ प्राकृतिक गुणवत्ता को भी बनाए रखने में  मदद मिलेगी।

कीट प्रबंधन का कारगर उपाय

वर्तमान में संपूर्ण विश्व में जैविक खेती पर जोर दिया जा रहा है, ट्राईकोग्रामा इसके लिए वरदान सिद्ध हो रहा है, क्योंकि यह रसायन-मुक्त कीट प्रबंधन का सटीक उपाय है। जिसमें शत्रु-कीटों का अंडावस्था में ही नाश हो जाता है।

डॉ. अर्चना केरकट्टा, असिस्टेंट प्रोफेसर (एंटोंमोलॉजी), बीटीसी कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर

By MIG