सूखी सब्जियों में मांग हुई कमजोर
बिलासपुर। सूखी सब्जियों में भाव, अब नहीं बढ़ने की संभावना है क्योंकि उच्चतम स्तर पर कीमत के चले जाने के बाद उपभोक्ता मांग ठहरी हुई है। थोड़ी बहुत मांग, होटल और ढाबों से निकली हुई है।
हरी सब्जियों की कीमत एक सीमा से बाहर जाने की स्थितियों के बाद सूखी सब्जियां ही उपभोक्ताओं का सहारा बनती रहीं हैं। वर्तमान स्थितियों में पहली बार इसमें ठहराव देखा जा रहा है क्योंकि इनकी भी कीमत उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति से बाहर हो चुकी है। कब निकलेगी उपभोक्ता मांग ? प्रतीक्षा में है बाजार।

उबाल काबुली चना में
खैरी चना, गुलाबी चना और काबुली चना। इनमें काबुली चना में पूरे साल मांग रहती है। इस वक्त यह 99 से 131 रुपए किलो की ऊंचाई पर पहुंचकर स्थिर है। जबकि गुलाबी चना और खैरी चना में 66 से 68 रुपए किलो में उपभोक्ता खरीदी हो रही है। लेकिन यह खरीदी उत्साह बढ़ाने वाली नहीं मानी जा रही है।

होटल-ढाबों की मांग
मटर में मांग, स्ट्रीट फूड काउंटर और होटल ढाबों की ही है। घरेलू मांग स्थिर है। राहत ही मानी जा रही है कीमत क्योंकि समानांतर में चलने वाली दूसरी सामग्रियों की तुलना में मटर हरा 88 और मटर सफेद 47 से 50 रुपए किलो पर स्थिर है। तेजी की संभावना इसलिए नहीं है क्योंकि आपूर्ति सामान्य है।

शांत है झुरगा और राजमा
मध्य आय वर्ग के उपभोक्ताओं के बीच हरी सब्जियों का बेहतर विकल्प माना जाता है, झुरगा और राजमा को लेकिन इन दोनों की कीमत, पहली बार बाजार को भी हैरान कर रही है। 88 से 98 रुपए किलो की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद झुरगा और 99 से 130 रुपए किलो पर मिल रहे राजमा में भी मांग स्थिर हो चली है।