दबाव में डोंगरगढ़ और मुंगेली



बिलासपुर। 1200 रुपए क्विंटल। पलाश के फूलों की यह कीमत, नई ऊंचाई पर पहुंच सकती है क्योंकि उपयोग क्षेत्र साल-दर-साल बढ़ रहा है। लिहाजा संग्रहण क्षेत्रों को आपूर्ति बढ़ाने के लिए कहा जा रहा है।

संपूर्ण प्रदेश में मिलते हैं पलाश के फूल लेकिन गुणवत्ता में डोंगरगढ़ और मुंगेली क्षेत्र के पलाश फूल, शीर्ष पर रहते हैं। इस बरस भी यही स्थिति है लेकिन पहला साल होगा, जब मांग और कीमत दोनों एक साथ बढ़ी हुई है। दोनों में बढ़त की बनती संभावना इसलिए व्यक्त की जा रही है क्योंकि हर्बल कलर बनाने वाली ईकाइयां, खरीदी में छत्तीसगढ़ को प्राथमिकता दे रहीं हैं।

पहुंचा 1200 रुपए पर

पर्व करीब है होली का। मांग है हर्बल कलर में। बीते बरस का संग्रहित पलाश फूल तेजी से खत्म हो रहा है। जबकि मांग पूर्ववत स्तर पर कायम है। इसलिए भाव में तेजी का दौर चला हुआ है। दीर्घ अवधि तक बने रहने की संभावना के बीच नए सौदे 1200 रुपए क्विंटल पर किए जा रहे हैं। इस बीच संग्रहण क्षेत्रों से संग्रहण की मात्रा दोगुना करने का आग्रह वनोपज कारोबारी कर रहे हैं।

डोंगरगढ़ और मुंगेली आगे

गुणवत्ता के लिहाज से डोंगरगढ़ और मुंगेली क्षेत्र के पलाश के फूल सर्वोत्तम माने जाते हैं। इसलिए इन्ही दोनों क्षेत्रों पर मांग का दबाव  रहता आया है। यह इस बरस भी कायम है। हर्बल कलर बनाने वाली ईकाइयां, खरीदी में प्राथमिकता यहीं के पलाश को दे रहीं हैं। इसलिए पहली बार फूलों की कीमत 1200 रुपए क्विंटल पर पहुंची हुई है। निचले स्तर पर बोले जा रहे भाव, 1100 रुपए क्विंटल को भी संग्राहकों के लिए बेहतर माना जा रहा है।

सुखद बदलाव

बी टी सी कालेज ऑफ़ एंग्री एंड रिसर्च स्टेशन के वानिकी वैज्ञानिक अजीत विलियम्स कहते हैं कि होली पर किए जाने वाले आयोजन में पलाश के फूलों का महत्व हमेशा से रहा है। नया बदलाव यह देखा जा रहा है कि अब यह पेकिंग में भी आने लगा है, तो मंदिर-देवालयों से भी मांग निकलती नजर आ रही है। यह नया बदलाव, पलाश फूल के संग्राहकों को वृक्ष के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रेरित करेगा क्योंकि निश्चित आय का साधन बन रहा है। वह भी हर साल बढ़ी हुई कीमत के साथ।

उपयोगिता बढ़ रही है

पलाश के फूलों की उपयोगिता जिस काम में बढ़ रही है, उससे संग्राहकों की आय बढ़ाने में मदद मिल रही है। 1200 रुपए क्विंटल की दर पर चल रहे पलाश में तेजी की संभावना बनी हुई है।
-सुभाष अग्रवाल, एस पी इंडस्ट्रीज, रायपुर

By MIG