भाटापारा। 80 रुपए प्रति फीट थी बोर खनन की दर। नया सीजन भी इसी दर पर शुरू होगा। बोरवेल एजेंसियों ने तैयारी चालू कर दी है। खनन की संख्या में ज्यादा बढ़ोतरी की संभावना नहीं है लेकिन हमेशा की तरह इस साल भी कृषि क्षेत्र से ज्यादा की आस में है बोरवेल खनन करने वाली मशीनें।
भूजल स्तर और तापमान के उतार-चढ़ाव पर ध्यान रखने के साथ फास्ट रिग मशीनों की जांच- परख और दूसरी ज़रूरतों की तैयारी चालू हो चुकी है। इसके अलावा संभावित क्षेत्रों से संपर्क बढ़ाया जा रहा है। इसमें शहर और ग्रामीण क्षेत्र दोनों हैं। प्रतिक्षा रबी फसल की कटाई की है।

80 था, 80 है
बीते सीजन के दौर में खनन की दर 80 रुपए प्रति फीट थी। यह स्थिति चालू सीजन में भी बनी हुई है। अंतिम दर 85 रुपए प्रति फीट थी। संकेत इस बार भी ऐसे ही बने रहने के मिल रहे हैं। स्थिरता इसलिए भी क्योंकि बोर खनन का क्षेत्र भी प्रतिस्पर्धा के दौर से गुजर रहा है। इसके अलावा ग्रामीण और शहरी क्षेत्र से खनन के आसार जरा कम ही है।
ऐसा है क्षेत्र का भूजल स्तर
शहर एवं आसपास का भूजल स्तर हमेशा से 60 से 200 फीट पर रहता आया है। तापमान और जल दोहन की मात्रा, भूजल स्तर को प्रभावित करती है। इसके बावजूद गंभीर संकट की स्थिति नहीं बनी है। फिर भी बोर की गहराई 300 से 400 फीट तक,रखी जाती है ताकि जल संकट का सामना ना करना पड़े। हमेशा की तरह इस बार भी बोर खनन करने वाली एजेंसियां भूजल स्तर पर नजर रखी हुई हैं।

यह क्षेत्र संवेदनशील
बलौदाबाजार और पलारी। यह दोनों ऐसे क्षेत्र माने जाते हैं, जहां पानी, अनुमान से ज्यादा गहराई पर मिलता है। इसलिए एजेंसियां इन दोनों के लिए हमेशा की तरह इस बरस भी विशेष तैयारी के साथ इन इलाकों में पहुंचेगी। शेष जिला बोर खनन के लिए सामान्य माना जाता है लिहाजा बेहतर संभावना की तलाश इन्हीं क्षेत्रों में की जा रही है।
खनन दर स्थिर
बोर खनन की दरों में फिलहाल कोई वृद्धि नहीं हुई है। रही बात वाटर लेवल की,तो संकेत स्थिरता के मिल रहे हैं क्योंकि बारिश अपेक्षाकृत सही रही।
-सुनील दुबे, दुबे बोरवेल्स, भाटापारा