तैयार हो रहे लस्सी काउंटर
बिलासपुर। स्थिर है दही की कीमत लेकिन ग्रीष्म ऋतु की मांग, लस्सी में निकलने से दूध का उत्पादन बढ़ाया जाना होगा। इसलिए डेयरियां अतिरिक्त प्रयास कर रहीं हैं ताकि अपेक्षित मांग समय पर पूरी की जा सके।
आहिस्ता-आहिस्ता दही में मांग बढ़त लेती नजर आ रही है। डेयरिंयों का मानना है कि यह मांग शादी- ब्याह की तारीखों की वजह से निकल रही है लेकिन इनकार नहीं है कि इसमें और बढ़त आएगी। यह इसलिए क्योंकि गन्ना जूस के साथ अब लस्सी के काउंटर खोले जाने की तैयारी चालू हो चुकी है। होटल में तो लस्सी का बनाया जाना चालू भी हो चुका है।

संतुलन साधने प्रयास
दूध और दही। सीजन को देखते हुए डेयरियां प्रयास कर रहीं हैं, दोनों की आपूर्ति का स्तर बनाए रखने की। हरा चारा खत्म होने को है, तो रेडीमेड पशु आहार की कीमतें बढ़ी हुई है। प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद दूध उत्पादन में फिलहाल गिरावट नहीं देखी जा रही है लेकिन लस्सी की मांग बढ़ते ही इसका दबाव दूध पर पड़ेगा। इसलिए ऊंची कीमत में पशु आहार की खरीदी की जा रही है।

बनने लगी लस्सी
गन्ना जूस के काउंटर चालू हो चुके हैं, तो होटल और रेस्टोरेंटों में लस्सी का बनाया जाना शुरू हो चुका है। छिटपुट मांग के बीच प्रति गिलास लस्सी 30 रुपए में उपभोक्ताओं तक पहुंच रही है। कीमत में वृद्धि के संकेत इसलिए नहीं हैं क्योंकि यह काउंटर भी प्रतिस्पर्धा के दौर से गुजरने लगे हैं। रही-सही कसर, पैक्ड लस्सी की उपलब्धता पूरी कर रही है।

ऐसी है कीमत
वैसे तो दूध की मांग पूरे साल रहती है लेकिन शीत और ग्रीष्म ऋतु में मांग का दबाव ज्यादा ही रहता है। फिलहाल दूध 45 रुपए लीटर, दही मीठा 80 रुपए , दही खट्टा 60 रुपए किलो पर स्थिर है। दूध से बनी सामग्रियों में पनीर 320 रुपए, खोवा 320 रुपए और घी 800 से 1000 रुपए किलो की दर पर उपभोक्ताओं तक पहुंच रही है।