करें छिड़काव पोटेशियम और नाइट्रोजन का

बिलासपुर। मौसम खूब साथ दे रहा है गेहूं किसान का। अब उत्सुकता इस बात को लेकर है कि लग रही बालियों में दानों की संख्या कितनी आएंगी क्योंकि इससे ही प्रति एकड़ उत्पादन जाना जा सकेगा।

समय पर बोनी और बीज चयन में जैसी सतर्कता किसानों ने दिखाई है, उसके बेहतर परिणाम मिलने की संभावना बन रही है क्योंकि तैयार होती गेहूं की फसल में अब बालियां लगने लगीं हैं। यही ऐसा समय है जब प्रबंधन और निगरानी बढ़ानी होगी क्योंकि कुछ जरूरी उपाय किसान यदि करें तो बालियों में दानों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी।

पोटेशियम और नाइट्रोजन

बेहतर उत्पादन के लिए पोटेशियम को आवश्यक पोषक तत्व माना गया है। इसलिए उर्वरक छिड़काव के पूर्व इसकी मात्रा ज्यादा रखें। दानों की संख्या बढ़ाने के लिए नाइट्रोजन का उपयोग कर सकते हैं। नाइट्रोजन की आपूर्ति सीमित रहने पर दानों की संख्या कम आ सकती है। न्यूट्रिएंट्स का छिड़काव पौधों की सही बढ़वार में मदद करता है। इसलिए कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार किसानों को काम करना होगा।

प्रति बाली इतने दानें

सही प्रबंधन के बाद प्रति बाली में दानों की संख्या 40 से 50 आती है जबकि औसत फसल में प्रति बाली यह संख्या 35 से 40 के आसपास ही रहती आई है। ऐसी स्थिति में बीज चयन में ऐसी प्रजाति का लिया जाना सही होगा, जिसमें प्रतिकूल मौसम को सहन करने की क्षमता हो। साथ ही कीट प्रतिरोधी गुणों का होना भी जरूरी माना गया है। इसके अलावा फसल की निरंतर निगरानी भी आवश्यक होगी।

कीट प्रकोप पर यह उपाय

सल्फो सल्फ्यूराॅन- 75 डब्ल्यू जी, सल्फोसल्फ्यूरान प्लस को कीट पतंगों से फसल को बचाने के लिए सबसे कारगर उपाय माना गया है। सुझाई गई मात्रा में छिड़काव से न केवल कीट प्रकोप से छुटकारा मिलता है बल्कि उत्पादन को बढ़ाने में भी मदद मिलती है। इसके बावजूद निरंतर निगरानी जरूरी है।

समय पर बोनी और बीज चयन

बीच चयन में सावधानी और समय पर बोनी बेहतर फसल के लिए अहम है। बालियां में दोनों की संख्या इन दोनों पर निर्भर है।

-डॉ. दिनेश पांडे, साइंटिस्ट (एग्रोनॉमी), बीटीसी कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर

By MIG