200 की छलांग के बाद विष्णुभोग 3400 से 3600 रुपए
भाटापारा। और बढ़ेंगे चावल के दाम क्योंकि धान की बारीक किस्मों में तेजी का दौर चालू हो चुका है। निकट भविष्य में मंदी की धारणा से इंकार कर रहा है बाजार।
2024 में भी चावल की खरीदी पर उपभोक्ता खरीदी महंगी पड़ेगी क्योंकि गुजरते बरस के अंतिम कारोबारी दिवस में बारीक धान में क्विंटल पीछे 200 रुपए की उछाल दर्ज की गई। यह तेजी पूरे साल बने रहने की संभावना है क्योंकि इकाइयों की चौतरफा खरीदी निकलने लगी है।

विष्णुभोग अब इस दर पर
प्रदेश स्तर पर मांग में रहता है यहां का विष्णुभोग चावल। चावल उत्पादक इकाइयों की मांग से विष्णुभोग धान नया 200 रुपए की तेजी के बाद अब 3200 से 3400 क्विंटल और पुराना 3400 से 3600 रुपए क्विंटल की नई ऊंचाई पर पहुंच चुका है। चावल में जैसी मांग निकल रही है, उसे देखते हुए यह तेजी दीर्घकाल तक बने रहने की प्रबल संभावना है।

हम साथ-साथ हैं
एचएमटी और सियाराम। धान की यह दोनों सदाबहार किस्में, एक साथ कदमताल कर रहीं हैं। इनमें भी तेजी का जैसा दौर चल रहा है, उससे कारोबार जगत हैरान है। एचएमटी और सियाराम में नया और पुराना दोनों की कीमत 2800 से 3000 रुपए क्विंटल पर चल रही है।।घरेलू मांग का दबाव संकेत दे रहा है कि गर्मी इन दोनों में भी बनी रहेगी।

पीछे यह भी नहीं
महामाया 2300 से 2350 रुपए। सरना 2100 से 2150 रुपए क्विंटल। पोहा मिलों और स्टॉकिस्टों की खरीदी से महामाया के तेवर गर्म हैं। सरना में चावल की मांग की वजह से गर्मी आई हुई है। दोनों में तेजी, नई फसल की आवक तक बने रहने की संभावना है, लिहाजा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को पूरे साल तेजी के बीच खरीदी करनी होगी।