रिहायशी क्षेत्र में भंडारण और असुरक्षा के साए में विक्रय



बिलासपुर। दीपोत्सव और चुनाव याने पटाखों में डबल डिमांड। निश्चित है ऐसा होना। इसलिए निर्माण इकाइयों को दोगुनी मात्रा में आर्डर दिए जा रहे हैं लेकिन भंडारण और विक्रय में जैसी लापरवाही यह क्षेत्र दिखा रहा है, उसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

कोरोना महामारी के पहले दो बरस प्रतिबंध में बीते। पिछले साल से सामान्य हुआ यह कारोबार इस साल बेहतरी की आस में है क्योंकि दीपावली और चुनाव लगभग एक साथ ही हैं। लिहाजा दोगुनी मांग की प्रबल संभावना को देखते हुए पटाखा बनाने वाली इकाइयों को ज्यादा मात्रा के लिए आर्डर दिए जा रहे हैं। ताकीद यह भी की जा रही है कि सप्लाई समय पर की जाए क्योंकि यहां भी प्रतिस्पर्धी बढ़ चुके हैं।

ऐसे पटाखे खूब

दीपोत्सव की मांग से आगे निकल सकती है चुनाव के दिनों के लिए मांग। इसलिए होलसेल काउंटरों ने पटाखा उत्पादन क्षेत्र को दी जाने वाली ऑर्डर की मात्रा दोगुनी कर दी है। इसमें ऐसे पटाखों की मांग ज्यादा है, जो तेज आवाज के साथ फूटते हैं। इसके अलावा ऊंचाई पर जाकर सितारों के साथ फूटने वाले पटाखों के भी ऑर्डर दोगुनी मात्रा में दिए जा रहे हैं।

असुरक्षित भंडारण

दिए जा रहे ऑर्डर की आपूर्ति होने लगी है लेकिन भंडारण में जैसे लापरवाही बरती जा रही है, वह खतरे की वजह बन सकती है क्योंकि रिहायशी क्षेत्र में पटाखों के भंडारण की खबरें आने लगी हैं। रिटेल काउंटर में जिस तरीके से विक्रय किया जा रहा है, वह भी निगरानी एजेंसी की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा कर रहा है। इसलिए शीघ्र जांच की जरूरत समझी जा रही है।

तैयार रहें इसके लिए

पटाखों की जिस श्रृंखला के आर्डर दिए जा रहे हैं, वह सभी तेज आवाज और भरपूर धुआं देने वाले माने जाते हैं। याने ध्वनि और वायु प्रदूषण के लंबे दौर के बीच गुजरना होगा। वह भी समय- बेसमय। ध्वनि प्रदूषण को लेकर बीते दिनों, जो सख्ती प्रशासन ने दिखाई थी ऐसी ही कड़ाई इन दोनों अवसरों में भी बरतने की उम्मीद है क्योंकि यह दोनों मिलकर सेहत पर घातक प्रभाव डालते हैं।

By MIG