परेशान कर रही अव्यवस्था



भाटापारा। 2 दिन की मंदी के बाद धान महामाया में फिर से तेजी आने लगी है। अरसे बाद सरना के अच्छे दिन आए हैं क्योंकि इसमें भाव 2000 से 2050 रुपए क्विंटल बोले जा रहें हैं। अलबत्ता बारीक धान में स्थिरता देखी जा रही है।

मध्य जून में भी ऐसी आवक देखकर हैरत में है मंडी प्रबंधन। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए महामाया की खरीदी पर पूंजी जरूर ज्यादा लग रही है लेकिन मंडी पहुंच रही उपज की गुणवत्ता राहत दे रही है। परेशान वह किसान है, जिसे अभी भी व्यर्थ में समय गंवाना पड़ रहा है। उसने संकेत देने चालू कर दिए हैं, सप्लाई लाइन कमजोर करके।

इसलिए मजबूती

खाद्य प्रसंस्करण ईकाइयां अच्छी तरह समझ रहीं हैं कि समर्थन मूल्य बढ़ना तय है। जब तक खरीदी की अवधि चालू रहेगी तब तक प्रांगण में आवक कमजोर रहेगी। इसलिए नियमित संचालन के लिए रिजर्व भंडार का बना रहना आवश्यक है। यही वजह है कि 2 दिन की मंदी के बाद महामाया में तेजी फिर से आने लगी है।

सरना खुश

1400 से 1600 रुपए क्विंटल के बीच के रहने वाला धान स्वर्णा में कारोबारी सप्ताह के दूसरे दिन खरीददारी 2000 से 2050 रुपए क्विंटल पर की गई। जैसी खरीदी इसमें हो रही है, उसे देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि यह तेजी आने वाले दिनों में भी बनी रहेगी क्योंकि चावल की मांग निकली हुई है।

बनी हुई है अव्यवस्था

समय पर सभी काम का नहीं होना जैसी अव्यवस्था अभी भी बनी हुई है। कृषि उपज बेचने आ रहे किसानों को व्यर्थ में 3 दिन का समय लग रहा है। प्रबंधन का रवैया ‘मेरी मर्जी’ वाला ही देखा जा रहा है, तो किसान हित की बातें करने वाले जनप्रतिनिधियों ने खुद को इस समस्या से दूर रखा हुआ है।

आवक और भाव

चालू कारोबारी सप्ताह के दूसरे दिन लगभग 20 से 25 हजार कट्टा धान की आवक का अनुमान है। भाव की बात करें, तो महामाया राईस क्वालिटी 1850 1900 रुपए, पोहा क्वालिटी 2465 रुपए क्विंटल और एचएमटी, सियाराम और विष्णुभोग बीते सप्ताह की दर पर स्थिर हैं।