होश उड़ा रही वर्णमाला की खरीदी



बिलासपुर । कॉपी-किताबों के बाद, अब हिंदी और अंग्रेजी की वर्णमाला की खरीदी होश उड़ा रही है। हद ही कहिए कि ‘पहाड़ा’ में एक झटके में लगभग दोगुनी वृद्धि हो चुकी है। इन सभी की खरीदी पूरी कर लेने के बाद अंतिम सामग्री स्कूल बैग पर इस बार 30 फ़ीसदी ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे।

भीषण गर्मी के बीच 16 जून से शुरू हो रहा नया शैक्षणिक सत्र, इस बार पालकों की जेब लगभग पूरी तरह खाली कर दे रहा है। अनिवार्य है खरीदी, इसलिए कॉपी- किताब दुकानों में भीड़ देखी जा रही है। 25 से 30 प्रतिशत तेजी के बावजूद चाही जा रही संख्या में कॉपियों का नहीं मिलना, पालकों को चिंता में डाल रहा है। यह इसलिए क्योंकि चौतरफा मांग से शॉर्टेज की स्थिति बन चुकी है।

वर्णमाला 30 नहीं 45 में

अक्षर ज्ञान देती है वर्णमाला। महंगाई की शुरुआत यहीं से हो रही है। हिंदी हो या अंग्रेजी। दोनों वर्णमाला की खरीदी महंगी हो चुकी है। बीते सत्र में जिस हिंदी वर्णमाला की कीमत 35 रुपए थी वह इस सत्र में 40 रुपए में खरीदी जा सकेगी जबकि अंग्रेजी की वर्णमाला के लिए 40 से 65 रुपए खर्च करने होंगे।

हद है

अंक ज्ञान के बाद, बारी आती है पहाड़ा की। महज एक पेज में दी जाने वाली पहाड़ा की जानकारी हासिल करने के लिए 10 से 20 रुपए खर्च करना होगा। प्लास्टिक शीट या कैलेंडर की शक्ल में खरीदी करना है, तो यह रकम दोगुनी से ज्यादा होगी। अनिवार्य है, इसलिए सुविधानुसार खरीदी की जा रही है।

स्कूल बैग गर्म

शैक्षणिक सामग्रियों में स्कूल बैग की खरीदी सबसे अंत में होती है। टिफिन, वाटर बॉटल सहित अन्य जरूरी सामग्रियों के लिए पर्याप्त स्थान की सुविधा देने वाले स्कूल बैग की पहली रेंज 250 रुपए से शुरू हो रही है। अंतिम रेंज 450 रुपए तक की है। क्रय शक्ति के मुताबिक इसमें भी मांग है।

पहली बार शॉर्टेज

शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के साथ कॉपियों में मांग का दबाव जैसा बढ़ा हुआ है, उससे इसमें हल्की शॉर्टेज की स्थिति बनने लगी है। ऑर्डर के एक पखवाड़े बाद ही आपूर्ति से, स्थिति नियंत्रण से बाहर इसलिए जा रही है क्योंकि कागज उत्पादन इकाइयों में उत्पादन, मांग की तुलना में कम हो रहा है।