खरीफ की तैयारी कर रहे किसानों को सलाह
करें खेतों का समतलीकरण, बढ़ेगी उर्वराशक्ति, बढ़ेगा उत्पादन
जांजगीर । अवसर है खेतों के समतलीकरण का। खरीफ की तैयारियों के बीच किया जा सकने वाला यह काम बेहतर उत्पादन जैसा प्रतिफल देगा। मिट्टी की उर्वरा शक्ति का जैसा फैलाव होगा वह लाभ खरीफ के बाद रबी फसल में भी देखा जा सकेगा।
बीते सप्ताह हुई बारिश से रबी फसल को नुकसान की खबरें थमी नहीं है। इस बीच कृषि वैज्ञानिकों ने सलाह जारी की है कि खाली पड़ी खेतिहर जमीन की समतलीकरण करें। इससे आगामी खरीफ सत्र में बोई जाने वाली फसल का उत्पादन बढ़ेगा। यह लाभ अगले रबी सत्र तक मिलेगा। इसलिए समतलीकरण का काम प्राथमिकता के आधार पर करें।

इसलिए यह काम
सतत मशीनीकरण की वजह से खेतों की संरचना बदल चुकी है। कहीं गहरी, तो कहीं उथली भूमि की वजह से वर्षा जल का फैलाव पूरे खेत में नहीं हो पाता। यह स्थिति कमजोर बढ़वार और कम होते उत्पादन के रूप में किसानों तक पहुंचता है। इसको आर्थिक नुकसान की भी वजह मानी जा सकती है।

रखें ध्यान
समतलीकरण के काम के दौरान ध्यान रखें कि सतह की मिट्टी बाहर न फेंकी जाए। फैलाव चारों ओर होना चाहिए। कल्टीवेशन के दौरान भी इसका ध्यान रखना होगा। ऊंचाई वाले हिस्से की मिट्टी गहराई में डालना होगा। इससे खेत समतल होगा।

वर्षा जल का समान फैलाव
समतलीकरण के बाद पहला लाभ वर्षा जल का समान फैलाव के रूप में देखा जाएगा। समान संरचना की वजह से फसल को बेहतर बढ़वार मिलेगी। जो भरपूर उत्पादन के रूप में सामने आएगा। यह लाभ रबी फसल में भी किसान ले सकेंगे।

दीर्घकालिक लाभ
प्री-मानसून कल्टीवेशन या समतलीकरण के काम से होने वाला लाभ दीर्घकालिक माना गया है। उर्वरा शक्ति के साथ पौधों की बढ़वार और उत्पादन में अपेक्षित परिणाम मिलते हैं।
- एम डी मानकर, उपसंचालक, कृषि, जांजगीर