भाजी फसलों के लिए छाया जरूरी

बिलासपुर। नमी बनी रहनी चाहिए भिंडी और ग्वार फली की फसल के लिए। भाजी फसलों का उत्पादन बना रहे, इसके लिए छायादार जगह का चयन करें।

तेज होती धूप। तपती धरती और गिरता भूजल। यह तीन कारक मिलकर सब्जी किसानों की चिंता बढ़ा रहे हैं। प्रतिकूल मौसम का सामना कर रहे किसानों के लिए सब्जी वैज्ञानिकों ने सलाह जारी की है कि सब्जी की बोनी से पहले प्रजाति चयन में ऐसी फसलें प्राथमिकता में रखनी होगी जो प्रतिकूल मौसम का सामना कर सकें और उत्पादन का मानक स्तर बनाए रखें।

इनको सबसे कम पानी

भिंडी, ग्वार फली, लौकी और तुरई। सब्जी की यह चार ऐसी प्रजातियां हैं, जिन्हें सबसे कम सिंचाई की जरूरत होती है। लिहाजा यह सभी ऐसे क्षेत्रों के सब्जी किसानों की मदद करेंगी जहां सिंचाई के साधन सबसे कम हैं, या फिर भूजल स्रोत लगातार गिरता जा रहा है।

इनके लिए छाया जरूरी

भाजी फसलें तेज धूप में सबसे पहले प्रभावित होतीं हैं। तेज धूप और तपती धरती के बीच ली जाने वाली भाजी फसलों के लिए छाया की व्यवस्था करनी होगी। बोनी के पूर्व स्थल चयन में इसका ध्यान रखें। जहां यह फसल तैयार हो रही है, वहां छाया का इंतजाम फौरन करें।

करें ड्रिप एरिगेशन का उपयोग

अनमोल है पानी की हर बूंद। प्रतिकूल हो चुके मौसम पर नजर रखें। निगरानी करें सब्जी फसलों की। इस अलर्ट के साथ सब्जी किसानों को टपक पद्धति से सिंचाई करने की सलाह साथ में जारी की गई है। यह ऐसी विधि है, जिसकी मदद से जरूरत वाली जगह पर ही पानी का पहुंचाया जाना तय होता है।

सब्जी फसलों के लिए प्रजाति चयन का ध्यान रखें। भाजी की फसल ली जा सकती है लेकिन तेज धूप से बचने के लिए छाया की व्यवस्था अनिवार्य है।

  • डॉ अमित दीक्षित, डीन, कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन, सांकरा, दुर्ग