नेताजी सुभाष चंद्र बोस चौक पर शर्मनाक घटना



बिलासपुर. जिला पुलिस के थानों में छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम 2015 की धारा 36 (च) यानी सार्वजनिक जगहों पर शराब पीने वालों पर हुई कार्रवाईयों से भरी पड़ी है. सभी थानों में बीते दो महीने की दर्ज एफआईआर रजिस्टर में दर्ज तहरीरें पढ़े तो दिगर अपराधों के मुकाबले शराब पीने वालों पर दर्ज मामले दो से तीन गुना ज्यादा मिलेंगे. जिला पुलिस की निजात अभियान के साथ ये कार्रवाईयां कितनी सार्थक है इसकी बानगी बहुत ही छोटी मगर शर्मनाक चलचित्र में देखी जा सकती है.

ये चलचित्र जिला मुख्यालय बिलासपुर के सबसे अधिक यातायात वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस चौक की है. गुरुवार की शाम करीब 4.18 बजे सीढ़ियां चढ़कर एक नशेड़ी एक बोतल में पेय पदार्थ लेकर (बाटल में क्या था हम पुष्टि नहीं कर सकते) नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आदम कद प्रतिमा के करीब पहुंचा. बाटल को नीचे रखा. जेब से सीगरेट निकाली उसे जलाया फिर उस सिगरेट को जलाकर नेताजी की प्रतिमा के मुंह तक ले गया. फिर उसने अपने मुंह पर सिगरेट लाकर कश लेकर धुंए छोड़ी. भारी यातायात वाले इस इलाके में ये शर्मनाक हरकत होती रही. काफी दूर से भी डर की वजह से चल चित्र महज चार, पांच सेकंड का ही बन सका.

पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर हमको ये चल चित्र मिला है. संभव है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस चौक के आसपास सीसीटीवी कैमरे भी लगे होंगे. उसमें भी पूरी घटना रिकॉर्ड हुई होगी. थोड़ी सी मेहनत से आरोपी का पता लगाकर इस शर्मनाक घटना का पता लगाया जा सकता है.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस चौक पर यातायात का अधिक दबाव होने की वजह से ट्रैफिक पुलिस की तैनाती रहती है. सरकंडा थाना पुलिस की भी सुरक्षा के लहजे से तैनाती रहती होगी. ऐसे में पुलिस व्यवस्था के बीच पुलिस अधीक्षक कार्यालय के करीब ऐसी घटना का हो जाना एक बार फिर शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है. वही जिला पुलिस द्वारा चलाए जा रहे निजात अभियान पर भी, जो ऐसी शर्मनाक हरकत को जिला मुख्यालय में भी रोकने में नाकाम है. ओह… नेताजी हम शर्मिंदा हैं.