ब्रांडेड कंपनियों ने दिए संकेत

बिलासपुर। टोस्ट की कीमत बढ़ाने की पूरी तैयारी हो चुकी है। संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले 15 मार्च से यह 7 से 10 प्रतिशत महंगा हो सकता है। नई दर प्रभावी होने के बाद ब्रेड, बिस्किट और केक की भी कीमत में बदलाव के प्रबल आसार बन रहे हैं।

युद्ध के बाद यूक्रेन और रूस से देश को गेहूं के आयात पर पूरी तरह ब्रेक लग चुका है। इससे घरेलू बाजार में गेहूं में हल्की तेजी का आना चालू हो चुका है। इस तेजी के बाद आटा, सूजी और मैदा में भी गर्मी आने लगी है। असर ब्रेड, टोस्ट और बिस्किट की बढ़ती कीमत के रूप में दिखाई दे रहा है। ना केवल गेहूं बल्कि वनस्पति, लिक्विड ग्लूकोस और फूड कलर में भी तेजी आ चुकी है।

पहले टोस्ट और ब्रेड

टोस्ट और ब्रेड बनाने वाली कंपनियों में से कुछ ने कीमत बढ़ाने की सूचना होलसेल और रिटेल काउंटरों को भेजते हुए कहा है कि आगामी 15 मार्च से नई दर पर ऑर्डर लिए जाएंगे इससे 7 से 10 प्रतिशत की बढ़त के बाद घरेलू बाजार को इसकी खरीदी महंगे में करनी होगी। जाहिर है यह वृद्धि उपभोक्ताओं को ही वहन करनी होगी।

अब यह भी होंगे महंगे

आटा, सूजी और मैदा की मदद से बनने वाले फास्ट फूड की भी कीमतों में तेजी के प्रबल आसार हैं। इनमें पिज़्ज़ा, बर्गर के अलावा केक भी तेजी के असर के घेरे में आएंगे। इनकी कीमत वैसे भी निम्न आय वर्ग के उपभोक्ताओं पर भारी पड़ती रही है। नई कीमत में उपलब्धता के बाद यह सभी उपभोक्ता सामग्री, इस वर्ग के उपभोक्ता की पहुंच से दूर हो जाएंगे।

असर इस पर भी

पेट्रोकेमिकल्स की मदद से बनने वाला लिक्विड ग्लूकोस और खाद्य व अखाद्य रंग भी तेजी की आंच में झुलस रहे हैं। लिक्विड ग्लूकोस की कीमत इस समय 55 रुपए किलो है। यह 60 रुपए तक जा सकता है। यही हाल खाद्य एवं अखाद्य रंग में भी है। इसमें 10 से 15 प्रतिशत की तेजी आ चुकी है।

ऐसा है बाजार

युद्ध के पहले तक 20 से 30 रुपए किलो पर मिलने वाला गेहूं अब 30 से 35 रुपए किलो पर आ चुका है, तो आटा की नई कीमत 5 रुपए बढ़त के बाद 35 से 40 रुपए किलो पर चलने की खबर है। इसी तरह मैदा और सूजी में भी गर्मी आने लगी है। इसमें नीचे में भाव 30 और उच्चतम कीमत 40 रुपए तक पहुंचने की खबर है। वनस्पति 150 रुपए किलो पर पहुंच गई है, तो लिक्विड ग्लूकोस की खरीदी भी बेकरी यूनिटों को 55 रुपए किलो की दर पर करनी पड़ रही है।