नए टायर और ट्यूब की खरीदी भी हुई महंगी

भाटापारा। पेट्रोल-डीजल के बाद अब इनके सह-उत्पादन भी महंगे होने लगे हैं। इसके असर से पंचर बनवाने पर, प्रति पंचर 20 से 50 रुपए ज्यादा लगेंगे क्योंकि जरूरी केमिकल और रबर स्टीकर की कीमत बढ़ चुकी है। नए ट्यूब और टायर की खरीदी में भी महंगाई का असर देखा जा सकता है तो, रिमोल्ड टायर के दाम भी बढ़ गए हैं।

पेट्रोल-डीजल की बेलगाम हो चुकी कीमत का असर अब उस क्षेत्र पर भी दिखाई देने लगा है, जिसका सीजन दीपावली के ठीक बाद चालू होने वाला है। तैयारी कर रहा यह क्षेत्र, हैरत में आ रहा है, यह देख कर कि जिस टायर के पंचर होने पर मरम्मत में उसने 70 रुपए दिए थे, उसके लिए अब 100 रुपए देने होंगे। टायर की नई खरीदी पर, जोड़ी पीछे 6000 रुपए की व्यवस्था और करनी होगी क्योंकि नए टायर के दाम भी बढ़ गए हैं।


सीजन सिर पर

खरीफ फसल अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। दीपावली के फौरन बाद कटाई का काम चालू हो जाएगा। ऐसे में ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, रिपर, थ्रेशर और ट्रकों के थमे पहिए फिर से गतिमान होंगे। इसलिए इनकी प्रारंभिक पड़ताल की जा रही है। छोटी-मोटी खामियां दूर की जा रहीं हैं लेकिन घिस चुके या उपयोग के लायक नहीं रह गए टायरों का बदला जाना, चिंता में डाल रहा है क्योंकि टायर की कीमत में भारी तेजी आ गई है, और दुकानें नगद भुगतान पर ही उपलब्धता की शर्त रख रहीं हैं।


पंचर की मरम्मत इतने पैसे में

पेट्रोल-डीजल के सह-उत्पाद की कीमत बढ़ने के बाद मोटर साइकिल के पहिए पंचर होने पर, ठीक करवाने में अब 50 रुपए लगेंगे। पहले यह काम 30 रुपए में हो जाया करता था। ट्यूबलेस टायर होने की स्थिति में, इस काम के लिए 50 रुपए की जगह 70 से 80 रुपए देने होंगे। ट्रकों के पहियों के पंचर ठीक करवाने पर 100 रुपए देना होगा। तेजी के पहले इसी काम के लिए 70 रुपए देने पड़ते थे। जबकि कार का पंचर 150 रुपए में ठीक करवाया जा सकेगा। ट्यूब वाले पहिए हुए तो 70 से 80 रुपए लगेंगे।


हार्वेस्टर 200 से 250 में

बारिश की विदाई के बाद निर्माण का क्षेत्र खुल चुका है। ऐसे में जेसीबी की पहुंच, निर्माण स्थल तक होने लगी है। इसी तरह खरीफ फसल की स्थिति को देखने के बाद हार्वेस्टर पर जमी धूल हटाई जाने लगी है। ऐसे भारी वाहन मालिकों और एजेंसियों के लिए जरूरी सूचना यह है कि यदि यह वाहन पंचर हुए तो 250 से 500 रुपए के भुगतान के बाद ही सही किए जा सकेंगे। याने पहले की तुलना में 50 रुपए ज्यादा देने होंगे।


नए टायर में गर्मी

धान का सीजन शुरू होते ही अगले 6 माह तक ट्रकों का परिचालन यदि बाधा रहित रखना हो, तो पहिए के लिए जरूरी, टायर की स्थिति पर नजर रखना बेहद अनिवार्य होगा लेकिन इनकी भी कीमत 6 प्रतिशत बढ़ चुकी है। प्रति जोड़ी ट्रक टायर की खरीदी पर अब 52000 से 56000 रुपए जैसी भारी भरकम रकम अदा करनी होगी। ऐसा ही हाल ट्रैक्टर, कार , बाइक तथा स्कूटर के टायरों का भी है।