आई गर्मी से झुलस रहीं वित्तीय संस्थानें

बिलासपुर। रबर बैंड की खरीदी करने निकल रहे हैं तो कुछ ज्यादा पैसे लेकर निकलें क्योंकि यह अब 300 नहीं, 340 रुपए किलो की दर पर मिलेगा। कोरोना और लॉकडाउन के बाद तेजी से चलते उद्योग और बाजार की मांग के बाद, केरल की रबर बैंड इकाईयों ने कीमत बढ़ा दी है। इसमें भविष्य तेजी का संकेत दे रहा है। लिहाजा होलसेल मार्केट दीपावली के लिए खरीदी करने लगा है।

प्लास्टिक में गर्मी का असर अब धीरे-धीरे हर उस क्षेत्र में फैल रहा है, जहां इसका उपयोग बड़े पैमाने पर होता है। रबर बैंड भी ऐसा ही एक क्षेत्र है, जहां खपत पूरे साल रहती है। यह कारोबारी क्षेत्र के अलावा वित्तीय संस्थानों और स्वीट कॉर्नरों के रूप में पहचाना जाता है। इसके अलावा हेयर बैंड बनाने वाली ईकाइयां भी भरपूर मात्रा में खरीदी करतीं हैं क्योंकि यहां लगभग हर सप्ताह डिजाइन बदलते हैं।


आते हैं केरल से

रबर बैंड बनाने वाले राज्यों में केरल ऐसा राज्य है, जिसे इस क्षेत्र में एकाधिकार हासिल है। पूरे देश की मांग इसी राज्य से पूरी होती है। इस बार रबर का उत्पादन कमजोर बताया जा रहा है। इसके अलावा प्लास्टिक भी तेजी की गर्मी से झुलस रहा है। कोरोना और लॉकडाउन के बाद अनलॉक होते उद्योग और कारोबार से एकाएक बढ़ी मांग का दबाव यहां की रबर बैंड बनाने वाली ईकाइयों पर पड़ रहा है, लिहाजा तेजी बनी हुई है।


पहली गर्मी इसमें

वित्तीय संस्थानों में सबसे ज्यादा उपयोग के बाद मिठाई दुकानों को ,पूरे साल मांग वाला क्षेत्र माना जाता है। तेजी का पहला सामना, इन्हें ही करना पड़ रहा है। दूसरा असर हेयर बैंड बनाने वाली ईकाइयों पर पड़ना चालू हो चुका है। यह क्षेत्र इसलिए भी भरपूर मांग वाला माना जाता है क्योंकि यहां हमेशा से डिजाइनर हेयर बैंड की मांग रहती है। लगभग हर सप्ताह बदलने वाले डिजाइन भी हेयर बैंड की मांग बढ़ने की प्रमुख वजह रहती है।


अब इस कीमत पर

वित्तीय संस्थानों और मिठाई दुकानों जैसी भरपूर कारोबारी गतिविधियां वाले क्षेत्र को, कीमत में बढ़त के बाद अब 340 रुपए प्रति किलो की दर पर रबर बैंड की खरीदी करनी होगी। एक साथ 40 रुपए की बढ़त के पहले तक रबर बैंड 300 रुपए किलो की दर पर संस्थानों तक पहुंच रहा था। जाहिर है, तेजी का असर किसी न किसी रूप में उपभोक्ता खरीदी पर भी पड़ेगा।