सड़क, बरामदा और नालियों के स्लेब पर नमक रखने पर होगी अब कार्रवाई
बिलासपुर। खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने पहली बार नमक भंडारण के तरीके को लेकर नाराजगी जताई है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भंडारण के लिए जो नियम और मानक बनाए गए हैं, उनका पालन गंभीरतापूर्वक करना होगा। बहुत जल्द इसकी जांच के लिए व्यापक अभियान की तैयारी है।
नमक, ऐसा खाद्य पदार्थ जिसकी मांग, पूरे साल रहती है। इसके भंडारण के लिए सख्त नियम बने हुए हैं लेकिन दुकानें जैसी लापरवाही बरत रहीं हैं, वह किसी से छिपी नहीं है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने माना है कि भंडारण का जो तरीका उपयोग में लाया जा रहा है, वह बिल्कुल ही गलत है। ऐसे भंडारण से नमक की गुणवत्ता खराब होने की पूरी आशंका है। इतना ही नहीं, नमक में आयोडीन की मानक मात्रा में कमी भी आ सकती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
ऐसे हो रहा भंडारण
खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने हर शहर, हर कस्बे और लगभग हर गांव में नमक का भंडारण, यूं ही सड़क पर या नालियों के स्लैब पर ही किया जाना पाया है। पशुओं के लिए उपयोग किए जाने वाले नमक भी ऐसी ही स्थिति में रखे जा रहे हैं। यह पूरी तरह गलत है।
हो सकती है गुणवत्ता खत्म
आयोडीन युक्त नमक में आयोडीन की मात्रा तेजी से खत्म हो सकती है। इसके अलावा नमी के अपने नुकसान हैं। ऐसी गतिविधियों के बीच भंडारण के बाद उपयोग में लाया जाने वाला नमक, मानव और पशु दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। यह सीधे-सीधे स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है।
यह हैं भंडारण के नियम
खाद्य एवं औषधि प्रशासन, समय-समय पर नमक के भंडारण को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश देता रहा हैं। इस निर्देश में स्पष्ट कहा जाता है कि इस खाद्य पदार्थ का भंडारण, लकड़ी के स्टेक में करना होगा। धूप, धूल, पानी और नमी से इसे बचा कर रखना होगा। नियम विरुद्ध नमक का भंडारण किया जाना पाया गया तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
नमक भंडारण के जो तरीके संस्थानें अपना रहीं हैं, वह पूरी तरह भंडारण नियमों का उल्लंघन है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को इसकी जांच के निर्देश दिए जा रहे हैं।
- डॉ. आर. के. शुक्ला, असिस्टेंट कमिश्नर, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, रायपुर