हॉस्टल खाली कराने वार्डन ने मेन गेट पर जड़ा दिया था ताला
बिलासपुर। सिम्स बिलासपुर के गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन ने इंटर्नरशिप कर रहे मेडिकल छात्राओं को अंदर आने से रोकने हॉस्टल के मेन गेट पर अंदर से ताला जड़ दिया। इसके बाहर बारिश में भीगती छात्राओं ने दो घंटे तक हंगामा कर प्रदर्शन किया। छात्राओं को समझाइश देने डीन डॉ.तृप्ति नागरिया सहित अन्य अफसर मौके पर पहुंचे। उन्होंने ताला खुलवाकर छात्राओं को अंदर ले जाकर बातचीत की। छात्राओं ने उन्हें अपनी परेशानी बताते हुए कहा जबरदस्ती रूम बदलने को कहा जा रहा है। तीन साल से यहां रह रहे हैं। खुद के पैसों से रूम की रंगाई-पुताई के अलावा कई काम कराएं हैं। हॉस्पिटल में जाकर ड्यूटी करते हैं। ड्यूटी कर लौटकर आते हैं तो हमें कहा जाता है कि ये कोरोना मरीज के संपर्क में रहते हैं, इन्हें दूसरे रूम में रखा जाए। छात्राओं का आरोप है कि वार्डन व्यवहार अच्छा नहीं हैं। ढंग से बात भी नहीं करती हैं, कुछ पूछने जाओ ने चिल्लाकर भगा देती हैं। डीन डॉ.तृप्ति नागरिया ने छात्राओं को समझाइश देते हुए कहा कि आदेश को तो मानना ही पड़ेगा, नए बैच में आने वाली छात्राओं को कहां रखेंगे। उनके लिए व्यवस्था तो बनानी पड़ेगी। डीन ने इंटर्न छात्राओं को दो दिन का समय दिया और कहा सोच लीजिए, रूम की शिफ्टिंग तो आपको करनी ही होगी इसके बाद हंगामा शांत हुआ ।
2021 के नए बैच के छात्राओं के लिए रुम बदलवा रहे
डीन डॉक्टर तृप्ति नागरिया ने बताया 2021 का नया बैच आने वाला है। सितंबर महीने में छात्राएं आ जाएंगे। उनके रहने की व्यवस्था तो करनी पड़ेगी। इसलिए छात्राओं को दूसरे रूम में शिफ्ट करने का आदेश वार्डन ने निकाला है। छात्राएं दूसरे रूम में शिफ्ट होना नहीं चाहतीं इसी बात से नाराज होकर हंगामा कर रही थीं। हॉस्टल गेट पर ताला लगा दिया था कि वे अंदर न घुस पाएं ऐसा क्यों? इस सवाल के जवाब में डीन ने कहा कि ऐसा नहीं है, ताला यूं ही लगा दिया गया था।