बलिदान, आस्था और मुक्ति का प्रतीक है गुड फ्राइडे
बिलासपुर । गुड फ्राइडे ईसाई धर्म का एक आध्यात्मिक पर्व है, जिसे प्रभु यीशु मसीह के बलिदान की स्मृति में मनाया जाता है। यह दिन ईस्टर से ठीक पहले शुक्रवार को आता है और इसे “पवित्र शुक्रवार”, “महान शुक्रवार” या “ब्लैक फ्राइडे” के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को “गुड” यानी “अच्छा” इसलिए कहा जाता है क्योंकि ईसाई विश्वास के अनुसार, यीशु मसीह ने मानवता के पापों के प्रायश्चित हेतु अपना बलिदान दिया, जिससे मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हुआ।
गुड फ्राइडे का संबंध यीशु मसीह के जीवन की उस घटना से है जब उन्हें रोमन अधिकारियों द्वारा सूली पर चढ़ा दिया गया। बाइबल के अनुसार, यहूदी धर्मगुरुओं द्वारा यीशु पर ईश्वर की निंदा (blasphemy) और लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगाया गया। इसके बाद उन्हें रोमन गवर्नर पोंतियुस पिलातुस के सामने लाया गया, जिन्होंने दबाव में आकर उन्हें क्रूस पर चढ़ाने की सज़ा सुना दी।
गुड फ्राइडे पर यीशु को कांटों का ताज पहनाया गया, उन्हें कोड़ों से पीटा गया और अंततः दो चोरों के बीच सूली पर लटका दिया गया। यह दिन ईसाई धर्म के अनुसार मानवता की मुक्ति की आधारशिला है, क्योंकि यीशु ने अपने बलिदान से सभी के पापों का प्रायश्चित किया।

गुड फ्राइडे की धार्मिक परंपराएँ
1. उपवास और प्रार्थना: इस दिन ईसाई उपवास रखते हैं और शोक मनाते हैं। कई चर्चों में “थ्री आवर्स अगोनी” (Three Hours Agony) सेवा होती है, जिसमें यीशु के अंतिम तीन घंटों की याद में प्रार्थनाएँ की जाती हैं।
2. क्रॉस की पूजा: चर्चों में लकड़ी का क्रॉस लाया जाता है और भक्त उसके सामने घुटनों के बल बैठकर श्रद्धांजलि देते हैं।
3. चुप्पी और गंभीरता: इस दिन को बहुत ही शांति और गंभीरता से मनाया जाता है। कोई उत्सव नहीं होता और संगीत, सजावट आदि से परहेज किया जाता है।
4. ध्यान और उपदेश: गुड फ्राइडे पर बाइबल से संबंधित उपदेश दिए जाते हैं जिसमें यीशु के जीवन, शिक्षाओं और बलिदान की चर्चा होती है।

गुड फ्राइडे क्यों कहलाता है “गुड”
यह प्रश्न सामान्य रूप से उठता है कि जब यह दिन पीड़ा और बलिदान से जुड़ा है, तब इसे “गुड” यानी अच्छा क्यों कहा जाता है। इसके पीछे यह मान्यता है कि यीशु का बलिदान मानवता के उद्धार के लिए था, और उनका पुनरुत्थान (ईस्टर) इस बलिदान की पूर्णता है। इसलिए यह दिन दुःखद होते हुए भी मुक्ति और आशा का संदेश देता है।

भारत में गुड फ्राइडे का महत्व
भारत में भी गुड फ्राइडे को बड़े श्रद्धा और भक्ति से मनाया जाता है। विशेषकर केरल, गोवा, तमिलनाडु, नागालैंड, मिज़ोरम और मुंबई जैसे क्षेत्रों में यह एक प्रमुख धार्मिक आयोजन होता है। यह दिन भारत सरकार द्वारा घोषित सार्वजनिक अवकाश होता है। गुड फ्राइडे केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि आत्मबलिदान, प्रेम और क्षमा का प्रतीक है। यह दिन हमें यह सिखाता है कि सच्चा प्रेम त्याग मांगता है और हर अंत एक नई शुरुआत का संकेत हो सकता है। यीशु का बलिदान सम्पूर्ण मानवता के लिए एक संदेश है – अंधकार के बाद प्रकाश अवश्य आता है।