बीटीसी कृषि महाविद्यालय बिलासपुर में पूर्व छात्र मिलन समारोह आयोजित

बिलासपुर। बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर में पूर्व छात्र मिलन समारोह का आयोजन किया गया। शिक्षण सत्र 2005 से 2024 तक के 20 बैच के स्नातक व 2017 से 2024 तक के 8 बैच के स्नातकोत्तर उपाधि के पूर्व छात्रों का सम्मान व संवाद के लिए आयोजित किया गया।
     मुख्य अतिथि डॉ. ए.के. साहू ने कहा समारोह न केवल पुनर्मिलन है, बल्कि यह बीते पलों की स्मृतियों, संबंधों और संकल्पों का उत्सव है। विशिष्ट अतिथि डॉ. सी.आर. गुप्ता ने पूर्व छात्रों की उपलब्धियों को संस्थान की पूँजी बताया। विशिष्ट अतिथि डॉ. एस.आर. पटेल ने विद्यार्थियों की प्रगति में पूर्व छात्रों की प्रेरणा को महत्वपूर्ण बताया। विशिष्ट अतिथि डॉ. देवेश पांडे ने पूर्व छात्रों के योगदान को भावी पीढ़ी के लिए पथप्रदर्शक बताया।

विशिष्ट अतिथि डॉ. विनोद कुमार वर्मा ने भावुक पंक्तियों के माध्यम से संबंधों के महत्व को रेखांकित किया “रिश्ते किताबों की तरह होते हैं,
समय निकालिए उन्हें पढ़ने के लिए।
वरना धूल जमती जाती है,
और फिर एक दिन वे इतिहास बन जाते हैं।”
        अध्यक्षता कर रहे डॉ. एन.के. चौरे ने बताया कि वर्ष 2001 में 40 विद्यार्थियों से शुरू हुआ संस्थान आज 1227 से अधिक कृषि स्नातक तैयार कर चुका है। छह विषयों में स्नातकोत्तर शिक्षा के साथ यह महाविद्यालय राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुका है। पूर्व छात्र कृषि, अनुसंधान, प्रशासन, शिक्षण, निजी क्षेत्र व स्टार्टअप्स के माध्यम से देश-विदेश में नाम रोशन कर रहे हैं। डॉ. चौरे ने पूर्व छात्रों को संस्थान के “ब्रांड एंबेसडर” बताते हुए इस मिलन को एक परंपरा बनाने का आह्वान किया। कार्यक्रम प्रभारी डॉ. राजेश कुमार साहू ने आयोजन पर प्रकाश डाला।

योगेश दुबे अध्यक्ष एल्युमिनाई एसोसिएशन ने कहा यह मंच महाविद्यालय और पूर्व छात्रों के मध्य सेतु निर्माण का कार्य करेगा। विकास में सहभागी बनने का अवसर प्रदान करेगा।विशिष्ट अतिथि डॉ. एस.एल. स्वामी व योगेश दुबे ने भी समारोह को संबोधित किया। समारोह में स्मृति चिन्ह भेंट कर पूर्व छात्रों का सम्मान किया गया। विद्यार्थियों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। मानसी चंद्राकर, पी. दीपिका, राजेश्वरी कुर्रे व नारद भारद्वाज ने मंच संचालन किया। सचिव रूपसिंह मैत्री ने आभार व्यक्त किया ।आयोजन में सुनीत साहू, अजय अनंत, जगदीश यादव, प्रेमलता यादव, शशांक शिंदे, दिनेश गांधी, नारद भारद्वाज, कुलदीप पटेल, राजेश बंजारे, पंचराम मिर्ज़ा, मधुप चंदन, गुलाब सिंह राजपूत, तरुण साहू सहित प्राध्यापक, वैज्ञानिक, कर्मचारियों का सहयोग रहा।