ईको फ्रेंडली और इजी डिस्पोजेबल भी


बिलासपुर। ईको फ्रेंडली और इजी डिस्पोजेबल। इन दो अहम गुणों ने वुडन स्पून याने लकड़ी के चम्मच में मांग बढ़ा दी है। महत्वपूर्ण यह है कि प्लास्टिक के चम्मच की मांग घटते क्रम पर है।

जलवायु परिवर्तन के दौर में पर्यावरण प्रदूषण गंभीर हो रहा है। बड़ी हिस्सेदारी ऐसी प्लास्टिक सामग्रियों की है, जिनका उपयोग खतरे की हद तक पहुंचा हुआ है। ऐसी स्थितियों में वुडन क्राॅकरी की डिमांड राहत देने वाली मानी जा रही है। विशेष तौर पर चम्मच और प्लेट की मांग तो बेहिसाब ही कही जा रही है। 

आए दिन डिमांड के

सगाई और शादी- ब्याह की तारीखें चालू। बर्थ-डे पार्टियां खूब। राजनीतिक गतिविधियों में छोटी- छोटी पार्टियां। यह सब मिलकर वुडन स्पून की मांग बढ़ाए हुए हैं। इसके अलावा कुल्फी और आईसक्रीम पार्लरों में टेबल लगाई जा चुकी है। इसलिए यहाँ भी बढ़ ही रहा है लकड़ी के कांटे और चम्मच का उपयोग। बढ़ता चलन प्लास्टिक चम्मच की हिस्सेदारी को तेजी से कम कर रहा है। ऐसे में इस क्षेत्र में भी प्रतिस्पर्धा बढ़ते क्रम पर है।

अहम है यह गुण

ईको फ्रेंडली और इजी डिस्पोजेबल। वुडन स्पून को इसलिए विशेष बनाते हैं क्योंकि प्लास्टिक की सामग्रियों के साथ ऐसी स्थिति नहीं है। यही वजह है कि कैटरिंग सर्विस देने वालों की डिमांड सबसे ज्यादा इसमें ही है। दैनिक लगने वाले स्ट्रीट फूड काऊंटर दूसरे सबसे बड़ी मांग वाले क्षेत्र माने जाते हैं। तीसरे बड़े उपभोक्ता आईसक्रीम और कुल्फी वाले हैं, जिनकी डिमांड वुडन स्पून में निकलने लगी है क्योंकि सीजन चालू हो चुका है।

चुस्त है सप्लाई लाईन

लकड़ी के प्लेन और कांटेदार चम्मच सबसे ज्यादा मांग में रहते हैं। डिमांड और सीजन को देखते हुए सप्लाई लाईन बेहद चुस्त है। ऐसे में कीमत,  दोनों किस्म के चम्मच में 320 रुपए में 300 पीस बोली जा रही है। जबकि सामान्य याने घरेलू उपयोग में आने वाली चम्मच 40 रुपए में 100 पीस की दर पर उपलब्ध करवा रहीं हैं संस्थानें। कीमत में वृद्धि की धारणा से इंकार कर रहा है बाजार।