आने लगी दलहन में मंदी

बिलासपुर। अरहर बेस्ट पटका 165 रुपए किलो। और नीचे जाएगी कीमत क्योंकि उपभोक्ता मांग ठहरी हुई है। अलबत्ता तिवरा दाल 63 रुपए किलो की कीमत के साथ मजबूत है।

आंशिक राहत ही मानी जा रही है दलहन की कीमतों में टूट को। इसके बावजूद उपभोक्ता मांग ऐसे समय में ठहरी हुई है, जब त्यौहार और पर्व के दिन करीब आ रहे हैं। मांग की स्थिति को देखते हुए दलहन बाजार भाव में और गिरावट का अंदेशा जाहिर कर रहा है।


बेस्ट पटका 165 रुपए

अरहर दाल। पहुंच चुकी थी 200 रुपए के करीब। खरीदी क्षमता से बाहर थी यह कीमत। इसलिए उपभोक्ता मांग तेजी से गिरी। हालांकि खड़ा अरहर अभी भी तेज है लेकिन दाल में गिरती मांग को देखते हुए भाव 165 रुपए तक नीचे ले जाना पड़ा। इसके बावजूद अब तक खरीदी, अपेक्षित मात्रा में नहीं निकल पाई है। इतना जरूर है कि खंड दाल में मांग का स्तर बना हुआ है क्योंकि 90 से 120 रुपए जैसे भाव बोले जा रहे हैं।
राहत दे रहे यह दलहन

व्यापारिक गतिविधियां शून्य ही हैं। इस बीच होटल और घरेलू मांग बनी हुई है। इसलिए मूंग और उड़द दाल में कामकाज है। कीमत भी क्रय शक्ति के भीतर ही मानी जा रही है। लिहाजा दलहन बाजार उड़द दाल छिलका वाली 103 रुपए और उड़द मोगर 115 रुपए किलो पर विक्रय कर रहा है। मूंग दाल छिलका वाली में कीमत 98 रुपए और मोगर 103 रुपए किलो पर शांत है। दोनों में मांग बढ़त की ओर नजर आ रही है।


मांग इनमें भी नहीं

77 रुपए किलो के भाव बोले जा रहे हैं मसूर दाल में। आसपास ही है चना दाल भी लेकिन खरीदी दोनों में नहीं के बराबर ही मानी जा रही है। 63 रुपए किलो की कीमत के साथ तिवरा दाल सबसे नीचे है। इसके बाद भी इसमें खरीदी नहीं है। त्यौहार और पर्व के दिन करीब हैं, इसके बाद भी मांग में मजबूती का नहीं आना दलहन बाजार को परेशान कर रहा है।


छिटपुट मांग इनमें

हरी सब्जियां आसमान छू रहीं हैं। इसलिए छिटपुट मांग सफेद और हरा मटर में निकली हुई है। इसलिए कीमत क्रमशः 45 और 90 रुपए किलो जैसे बोले जा रहे हैं। इनमें मांग का स्तर शीत ऋतु तक बने रहने के आसार हैं। काबुली चना में घरेलू मांग राहत दे रही है क्योंकि 90 से 130 रुपए जैसे भाव बोले जा रहे हैं। वैसे बढ़त के आसार इनमें भी नहीं के बराबर हैं।