निकली मांग होटल और स्वीट कॉर्नरों से


भाटापारा। दूध के बाजार में मिल्क पाउडर और पैक्ड मिल्क की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है। बढ़त के बाद इन दोनों ने इस बाजार के लगभग 40 फ़ीसदी हिस्से में कब्जा जमा लिया है। यह बढ़त की ओर ही नजर आ रहा है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र की किराना दुकानों में दोनों की उपलब्धता सहज होने लगी है।

मांग के दिनों में दस्तक दे दी है। मौसम का भी पूरा साथ मिल रहा है। हालत यह है कि डेयरियों का समूचा दूध खप जा रहा है क्योंकि होटल और घरेलू मांग में लगभग ड्योढ़ी बढ़त हो चुकी है। ऐसे में मांग का दबाव पैक्ड मिल्क और दूध पाउडर पर बढ़ रहा है।

पहली मांग यहां से

स्वीट कॉर्नर और टी स्टॉल। यह ऐसे क्षेत्र हैं, जहां दूध की सबसे ज्यादा खपत होती है। नियमित मांग को पूरा कर पाने में लगभग अक्षम हो चुकी डेयरियों की स्थिति देखते हुए यह बड़ा उपभोक्ता क्षेत्र, अब मिल्क पाउडर और पैक्ड मिल्क की ओर कदम बढ़ा चुका है। दूसरा मांग क्षेत्र घरेलू बाजार है, जहां मासिक उपभोक्ताओं की पहुंच होती है। इसके अलावा सीजन और पर्व पर अलग से डिमांड निकलती है।

मांग और उपलब्धता

शीत ऋतु ने दस्तक दे दी है। ऐसे में घरेलू और टी कॉर्नर की मांग लगभग 12 हजार से 15 हजार लीटर दूध की बताई जा रही है लेकिन उपलब्धता महज 9 हजार लीटर की ही है। ऐसे में स्वीट कार्नरों की खरीदी का प्रवाह दूध पाउडर और पैक्ड मिल्क की ओर बढ़ा हुआ है। आगत दिनों में इसमें गति और बढ़ाने की संभावना है क्योंकि मौसम का पूरा लाभ मिल रहा है दूध की मांग बढ़ने से।

इसलिए पाउडर और पैक्ड मिल्क

स्वीट कॉर्नर से मिली जानकारी के अनुसार पैक्ड मिल्क और मिल्क पाउडर से बनाए जाने वाले दूध की सेल्फ लाइफ अपेक्षाकृत ज्यादा होती है। इसलिए इससे बनने वाली सामग्रियों की उम्र ज्यादा हो जाती है। कारोबारियों के अनुसार बेकरी आइटम, कन्फेक्शनरी के अलावा दोनों का उपयोग रबड़ी और दूध से बनने वाली खाद्य सामग्रियों में किया जा रहा है।

By MIG