उपभोक्ता मांग ‘खंडा’ की ओर

भाटापारा। अरहर की दाल 170 से 180 रुपए किलो। हैरत में है रिटेल काउंटर, आ रही तेजी को देखकर। दुकानें पहली बार यह भी देख रही है कि मांग का प्रवाह खंडा दाल की ओर जा रहा है। जिसकी कीमत फिलहाल क्रयशक्ति के भीतर ही मानी जा रही है।

दीपावली याने खरीदी के दिन। किराना बाजार इस समय सबसे ज्यादा गुलजार है। भीड़ तो है लेकिन खरीदी की मात्रा बेहद कम होती जा रही है। खासकर दलहन की सभी किस्म की खरीदी बेहद कम है। अरहर और चना दाल में ऐसा होता देखने को विवश है चिल्हर बाजार क्योंकि कीमत क्रय शक्ति से बाहर जा चुकी है।

चाहिए खंडा

साबूत अरहर दाल 170 से 180 रुपए किलो। कीमत सुनकर, मांग की जाती है खंडा अरहर दाल की, जिसमें भाव इस समय 100 से 105 रुपए किलो चल रहा है। जरूरी है, कीमत भी ठीक ही है। यह सोच, अरहर खंडा दाल में मांग बढ़ा रही है। हैरत में है रिटेल काउंटर अरहर दाल की खरीदी में यह नया बदलाव देखकर। उपभोक्ता पहले से ही परेशान है।

गर्म यह भी

चना दाल, दलहन की ऐसी किस्म है जिसकी खपत त्यौहार में सबसे ज्यादा होती है लेकिन इसके तेवर भी बदले हुए हैं। होटल, रेस्टोरेंट और घरेलू मांग का दबाव इतना ज्यादा है कि यह दाल भी प्रति किलो 70 से 80 रुपए पर पहुंच चुकी है। तेजी की आशंका इसलिए बनी हुई है क्योंकि नई फसल में एक माह का समय और शेष है।

पीछे यह भी नहीं

मूंग और उड़द। तेज यह दोनों भी हैं। दाल बेचने वाली कंपनियों की मांग के साथ होटल और नमकीन सेंटरों की मांग, जिस मात्रा में निकल रही है उसके बाद दोनों दाल, समान दर याने 110 से 120 रुपए किलो पर चल रहीं हैं। जबकि छिलके वाली दाल महज 5 रुपए ही पीछे है। आने वाली नई फसल तक बने रहने की संभावना है।

सबसे पीछे

कम ही उपयोग में आते हैं मसूर और तिवरा दाल लेकिन अन्य दालों ने जैसी तेजी ली हुई है, उसके बाद ग्रामीण उपभोक्ताओं की मांग इन दोनों में बढ़ी हुई देखी जा रही है। ऐसे में गर्मी, इन दोनों ने भी दिखानी चालू कर दी है। इस समय मसूर की दाल 80 रुपए और तिवरा की दाल 70 रुपए किलो चल रही है। आंशिक तेजी की संभावना दोनों में है।

By MIG