ब्लैक बोर्ड और चॉक भी दिखा रहे गर्मी

सतीश अग्रवाल

बिलासपुर। स्लेट-पेंसिल ही नहीं, चॉक और ब्लैक बोर्ड की खरीदी भी महंगे में करनी पड़ेगी। और- तो-और, डस्टर में भी महंगाई के संकेत मिलने लगे हैं ।

26 जून से शुरू हो रहा नया शिक्षा सत्र चौतरफा समस्या लेकर आ रहा है। स्कूलों के सामने पानी की किल्लत बड़ी बाधा बन रही है, तो पालकों को शिक्षण सामग्री की बढ़ी हुई कीमत हलाकान कर रही है। परेशानी के बीच हो रही खरीदी में स्लेट-पेंसिल में आई तेजी, हैरत में इसलिए डाल रही है क्योंकि दोनों में 4 से 10 प्रतिशत कीमत बढ़ी हुई है। बीते सत्र तक ऐसा होता नहीं देखा गया।

गर्म स्लेट-पेंसिल

कच्चे तेल की अस्थिर कीमत ने इससे बनने वाली सह-सामग्री प्लास्टिक की कीमत बढ़ा दी है। इसलिए प्लास्टिक से बनी स्लेट में फिलहाल बढ़त जारी है। तेजी के बीच खरीदी 20, 30 और 40 रुपए में की जा रही है। जबकि पत्थर से बनी स्लेट में 10 फ़ीसदी की गर्मी आ चुकी है। बढ़ी हुई कीमत के बाद ऐसी स्लेट 60, 80 और 90 रुपए में खरीदी जा रही है। कम ही होती है पेंसिल की खरीदी, लेकिन तेजी का करंट इसमें भी लगा हुआ है। बढ़ी हुई कीमत के बाद लोकल 40 रुपए और ब्रांडेड पेंसिल की खरीदी 60 रुपए डिब्बे में करनी होगी।

आसार तेजी के

ब्लैक बोर्ड और चॉक। बेहद अहम हैं यह दोनों। स्कूलों के बाद कोचिंग इंस्टीट्यूट और ट्यूशन सेंटर बड़ी उपभोक्ता मांग वाले क्षेत्र माने जाते हैं। इस बरस, यह दोनों सामग्री ऊंची कीमत पर खरीदी जा सकेगी। स्थिर बाजार में लोकल चॉक 40 रुपए डिब्बे में मिलेगा, तो ब्रांडेड चॉक की खरीदी के लिए 60 रुपए देने होंगे। प्लास्टिक के ब्लैक बोर्ड में चार प्रतिशत की तेजी आ चुकी है। लकड़ी से बना बोर्ड 6 से 8% महंगा होने की खबर है। तेजी के बाद खरीदी की मात्रा में कमी आती नजर आ रही है।

राहत यहां

ब्लैक बोर्ड की सफाई याने जरूरत डस्टर की। फिलहाल यही एकमात्र ऐसी सामग्री है जिसकी कीमत स्थिर बनी हुई है। राहत ही है खरीदी करने वालों के लिए क्योंकि यह 20, 30, 40 और 50 रुपए प्रति नग की दर जैसी कीमत पर मिल रहा है। हर क्रय शक्ति वाले क्षेत्र का ध्यान रखा है निर्माण कंपनियों ने।

अपेक्षित मांग की प्रतीक्षा

शिक्षण सामग्री की कीमत में आंशिक बढ़ोतरी हुई है। संस्थानों की मांग फिलहाल प्रथम चरण में है। प्रतीक्षा की जा रही है अपेक्षित मांग की।
– हिमांशु मिश्रा, श्री महावीर पुस्तकालय, बिलासपुर