दुष्कर्म पीड़िता की मां पर भी पास्को के तहत अपराध दर्ज
मामले में उच्च स्तरीय जांच की जरूरत
बिलासपुर। कर्नाटक चुनाव में शर्मनाक हार के बाद भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ में भी साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की कवायद तेज कर दी है। इसमें पुलिस प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ रही है। रतनपुर थाना में शुक्रवार को पास्को के तहत दर्ज अपराध की तहरीर से इसे समझा जा सकता है। भाजपा नेता के परिजनों के करतूतों को प्रदेश स्तर के नेता और धार्मिक संगठनों के मठाधीश साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश में हैं। इस सब के बीच निष्पक्ष जाँच जरूरी है जिससे सच सामने आए और झूठों का मुंह काला हो।
मामला इस तरह शुरू होता है। मार्च 23 में रतनपुर थाना क्षेत्र में भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 376, 4-CHL, 6-CHL के तहत संप्रदाय विशेष के युवक के खिलाफ मामला दर्ज होता है। आरोपी युवक की गिरफ्तारी होती है। अभी वह जेल में ही है। मामला भाजपा नेता के नजदीकी रिश्तेदार से जुड़ा है इसलिए मामले को तत्कालीन समय में किसी ने भी साम्प्रदायिक चश्मे से नहीं देखा। तब पीड़िता के पक्ष में न तो न्याय दिलाने संवेदना प्रकट करने भाजपा नेता सामने आए और ना ही धार्मिक संगठनों के मठाधीश ? इस मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है। मार्च महीने में दर्ज दुष्कर्म और पास्को की पीड़िता की माँ खिलाफ शुक्रवार को रतनपुर थाना में पास्को के तहत अपराध दर्ज किया गया है। इस अपराध में प्रार्थिया मार्च महीने में दर्ज दुष्कर्म और पास्को के आरोपी की बुआ और भाजपा नेता की बहन है। प्रार्थिया ने महिला यानी दुष्कर्म पीड़िता की माँ के उपर अपने नाबालिग बेटे के शारीरिक शोषण का आरोप मढ़ा है। उसने इसकी शिकायत शुक्रवार को रतनपुर थाना में की। इस पर थाना प्रभारी ने करंट की गति से अपराध दर्ज कर आरोपी महिला को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जहाँ से आरोपी को जेल भे दिया गया है। इस मामले का सच सामने लाने उच्च स्तरीय जांच जरुरी है। मामले में कई सवाल है जिसके जवाब पुलिस प्रशासन को तलाशने जरुरी है।
पूरी कार्रवाई पर इस तरह उठे सवाल
आनन फानन में हुई इस पूरी कार्रवाई ने थाना प्रभारी को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। चर्चा दस लाख के है। प्रार्थिया ने थाने में जिस तरह से सधी भाषा में तहरीर दर्ज कराई है उससे ही इसकी सत्यता पर सवाल उठ रहे है। जानकारी एफआईआर में दर्ज तहरीर पढ़ कर सच के सुराख तक पहुँच सकते हैं।
साम्प्रदायिक रंग देने की हो रही कवायद
दुष्कर्म पीड़िता की मां को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने और उसे जेल भेजे जाने की खबर फैलते ही। शहर के एक वर्ग विशेष में कार्रवाई को लेकर खासी नाराजगी और गुस्सा है। इसे लेकर उग्र आंदोलन की भी सुगबुगाहट है। वहीं धार्मिक संगठनों के मठाधीशों के भी इस मामले को लेकर सक्रिय होने की खबरें है। चुनावी संभावना को देखते हुए इस साम्प्रदायिक रंग भी दिया जा सकता है।
मामला भाजपा नेता के परिवार से जुड़ा इसलिए संगठन के पर्दे में रहने का अंदेशा
हाल ही में भारतीय जनता पार्टी को कर्नाटक चुनाव में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। छत्तीसगढ़ राज्य में भी विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में मामले को साम्प्रदायिक रंग देने की भी कोशिश हो सकती है। संगठन को पर्दे के पीछे कर धार्मिक संगठनों के आसरे मामले को गर्माया जा सकता है। इस मामले को लेकर पुलिस और जिला प्रशासन को सतर्क रहने की जरूरत है। जिससे कि बेमेतरा जैसी घटना का दोहरा न हो। वहीं रतनपुर थाना प्रभारी को लेकर जो चर्चे जनता में आम है उसकी भी अधिकारिक जांच जरुरी है। प्रशासन सतर्क रहे जिससे शहर का अमन बना…।