आई तेजी 10 प्रतिशत की
बिलासपुर। क्या दूध पाउडर और महंगा होगा ? रिटेल काउंटर ने यह जानकारी मांगी है होलसेल काउंटर से, क्योंकि सीजन की डिमांड पहुंचने लगी है। संकेत तेजी के बने हुए हैं क्योंकि लूज़ पाउडर की सप्लाई बंद है।
मार्च से लेकर जुलाई तक का समय दूध पाउडर के लिए सीजन माना जाता रहा है लेकिन बीते 2 बरस से सीजन 1 माह पहले याने फरवरी से ही शुरू हो रहा है। इसलिए डिमांड को ध्यान में रखते हुए इस बार कीमतों में गर्मी का आना चालू हो चुका है। बाजार सूत्रों के मुताबिक दूध पाउडर की कीमत में 10 प्रतिशत की तेजी आ गई है।
आई तेजी 10 प्रतिशत की
पांच माह के सीजन के साथ हर उपभोक्ता सामग्री पर भारी पड़ने वाला दूध पाउडर, बीते बरस की तुलना में अब 10 प्रतिशत महंगे में मिलेगा। कोरोना संक्रमण के दौर से उबरने के बाद उत्पादन इकाइयां फिर से परिचालन में तो आ गई हैं लेकिन लागत दर महंगी पड़ रही है इसलिए विवशता में कीमत बढ़ानी पड़ी। इसमें आने वाले दिनों में और तेजी के आसार बनते नजर आते हैं।
यह पूरी तरह बंद
मिल्क पाउडर में लूज़ में मिलने वाले अमेरिकन प्रोडक्ट के आयात पर सख्ती से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके बाद घरेलू जरूरतों के लिए उपलब्ध पाउडर पर निर्भरता बढ़ी हुई है। इसके अलावा डेयरियों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से दूध उत्पादन के लिए प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है लेकिन एक बड़ा उपभोक्ता क्षेत्र अभी भी भरपूर आपूर्ति की राह देख रहा है। इसके पहले तक यह क्षेत्र लूज़ में मिलने वाले मिल्क पाउडर से अपनी जरूरतें पूरी करते आया है।
मिलेगा इस कीमत पर
दूध पाउडर के उपलब्ध सभी ब्रांड 450 से 550 रुपए किलो की नई कीमत पर पहुंच चुके हैं तो, दूध की कीमतों में भी बढ़त के आसार बने हुए हैं। बताते चलें कि डिब्बाबंद दूध विक्रय करने वाली कंपनियों में से कुछ ने प्रति लीटर 2 रुपए की बढ़ोतरी कर दी है। ऐसा दूसरी कंपनियां भी कर सकतीं हैं। इधर डेयरियों ने फैसला तो नहीं लिया है इसलिए फिलहाल 35 से 45 रुपए प्रति लीटर की कीमत पर यह स्थिर है।