शिक्षा विभाग की गजब कहानी

मिडिल स्कूल रामसागरपारा, भाटापारा का मामला

भाटापारा । अनभिज्ञता कहें या लापरवाही, पर सच यही है कि 7 साल से अनुपस्थित एक शिक्षिका, न केवल संविलियन की पात्र बन गई बल्कि वरिष्ठता की सूची में भी शामिल कर ली गई। अब, जब स्कूल प्रबंधन ने आपत्ति उठाई तब जाकर जिला शिक्षा विभाग हरकत में आया और कार्रवाई करता दिखाई दे रहा है।

शिक्षा विभाग की सुस्ती किसी से छिपी हुई नहीं है लेकिन ताजा मामला यह कहने के लिए काफी है कि इस सुस्ती से छात्रों का ही अहित हो रहा है। मामला एक ऐसी शिक्षिका से जुड़ा हुआ है, जो पिछले 7 साल से लगातार अनुपस्थित है। गणित विषय के अध्यापन के लिए इस शिक्षिका की नियुक्ति साल 2005 में की गई थी। 5 साल बाद इसकी अनुपस्थिति 8 अक्टूबर 2014 से दिखाई दी। यह अनुपस्थिति आज दिनांक तक लगातार और अनवरत जारी है। इस बीच संविलियन और वरिष्ठता भी इसे दे दी गई। अब जाकर स्कूल प्रबंधन की आपत्ति के बाद बर्खास्तगी की कार्रवाई के संकेत मिल रहें हैं।

क्या है मामला

शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला रामसागरपारा, भाटापारा में शिक्षाकर्मी वर्ग 2 में सुल्ताना अंसारी की नियुक्ति 21 जून 2005 में होती है। आदेश के 10 दिन बाद 1 जुलाई 2005 को कार्यभार मिलने के बाद इसे गणित विषय के अध्यापन का जिम्मा दिया जाता है। बीच के समय, सही चले लेकिन 8 अक्टूबर 2014 से अनुपस्थित यह शिक्षिका अब भी अनुपस्थित है। याने इस बीच 7 बरस की अवधि बीत चुकी है। हर माह इसकी सूचना विधिवत नियमित रूप से संबंधित विभागों को भेजी जा रही है।

यह कैसे ?

लंबी अवधि से अनुपस्थित इस शिक्षिका का वेतन तो रोका जा चुका है लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब सूचना भेजी जा रही थी, उसके बाद भी संविलियन किस आधार और किसकी अनुशंसा पर किया गया ? दूसरा बड़ा सवाल यह है कि पदोन्नति के लिए बनी वरिष्ठता सूची में 7 साल से अनुपस्थित इस शिक्षिका का नाम किस आधार पर जोड़ा गया ? यह हैरत ही है कि जिला स्तर पर बनी वरिष्ठता की सूची में यह नाम तीसरे नंबर पर दर्ज है।

क्या कर रहे यह ?

स्कूल प्रबंधन से हर माह भेजी जाने वाली रिपोर्ट के बावजूद कार्रवाई को लेकर जिला शिक्षा और खंड शिक्षा विभाग का मौन संदेह ही बढ़ाता है। यक्ष प्रश्न, यह है कि नियोक्ता, नगर पालिका प्रशासन, ने भी कोई कार्रवाई क्यों नहीं की, क्योंकि स्कूल प्रबंधन, हर माह इस टीचर की अनुपस्थिति की सूचना नियमित रूप से देता रहा है। इस तरह इन तीनों विभागों की सुस्ती ने स्कूल के छात्रों को गणित विषय की पढ़ाई से अलग कर रखा है।

स्कूल इसलिए परेशान

शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला प्रबंधन इसलिए परेशान है क्योंकि विभाग का दस्तावेज, इस स्कूल में गणित के विषय के शिक्षक की मौजूदगी बताता है। जबकि स्थिति एकदम विपरीत है। दस्तावेज में नाम अंकित होने की वजह से, ना तो नई नियुक्ति हो रही है, ना इस विषय का अध्यापन संभव हो पा रहा है। संकट कौन दूर करेगा ? यह सवाल अब स्कूल के सामने आकर खड़ा है।

यह मामला बेहद गंभीर है। प्राथमिकता के आधार पर इसे जल्द- से -जल्द हल किया जाएगा।

  • सी एस ध्रुव, डी ई ओ, बलौदा बाजार


रामसागर पारा मिडिल स्कूल का यह प्रकरण संज्ञान में है। विधि सम्मत कार्रवाई की प्रक्रिया चालू कर दी गई है।

  • के के यदु, बी ई ओ, भाटापारा