नई फसल में दो माह का वक्त

बिलासपुर। 200 रुपए की टूट के बाद 2700 से 2800 रुपए क्विंटल। चरोटा में यह नई कीमत फसल के आने तक बने रहने के आसार हैं क्योंकि मांग के अनुरूप उपलब्धता नहीं है।

धान की बारीक किस्म की बराबरी कर रहे चरोटा में अब नई फसल की बेसब्री से इंतजार की जा रही है, जिसके आने में फिलहाल दो माह का वक्त है। इस बीच निर्यात की राह खुली हुई है। हमेशा की तरह प्रथम खरीददार चीन, इस बार भी छत्तीसगढ़ को चरोटा के लिए प्राथमिकता दिए हुए हैं।

टूट, फिर भी धान के बराबर

महीने भर पहले तक चरोटा में सौदे 3000 रुपए क्विंटल तक हो रहे थे। मांग के अनुरूप होने वाली आपूर्ति ने कीमत का स्तर भी बनाए रखा था। अब भंडारण भी खत्म होने की स्थिति में आ चुका है, लिहाजा 200 रुपए की मंदी आ चुकी है। फिर भी जो भाव बोले जा रहे हैं, वह धान की बारीक किस्म के समकक्ष है।

नई फसल दो माह बाद

पुष्पन की स्थिति में है चरोटा की नई फसल। जैसे संकेत मिल रहे हैं, उसके अनुसार इस बार भी उत्पादन का स्तर बीते बरस जैसा बना रहेगा। लिहाजा निर्यातक तैयारी में हैं सौदे के लिए। मांग की मात्रा और कीमत में विशेष अंतर नहीं आने की संभावना इसलिए भी है क्योंकि चीन की खरीदी बनी हुई है।

2800 से 3000 रुपए

चीन की मांग का दबाव और उपलब्धता की सीमित मात्रा के बीच चरोटा में भाव 2800 से 3000 रूपए क्विंटल के साथ मजबूती के साथ जमे हुए हैं। दोनों में टूट की संभावना नहीं के बराबर है। यह इसलिए क्योंकि खरीदी करने वाले देश की संख्या में इजाफा होने की संभावना है।

निर्यात के ऑर्डर

चरोटा में फिलहाल 200 रुपए की मंदी आ चुकी है। निर्यात ऑर्डर की तुलना में आपूर्ति बेहद कम है। इसलिए तेजी की धारणा है।

  • सुभाष अग्रवाल, एसपी इंडस्ट्रीज, रायपुर

By MIG