चुनाव पूर्व मल्टी कलर प्रिंटिंग यूनिटों की योजना
बिलासपुर। प्रचार सामग्रियों की खरीदी के लिए प्रत्याशियों को न केवल अतिरिक्त रकम की व्यवस्था करनी होगी बल्कि एडवांस की रकम भी ज्यादा देनी होगी। प्रिंटिंग प्रेस यूनिटों के बीच इस पर आम सहमति बनती देखी जा रही है।
डूबता ही है पैसा। जीत हो, या हार। पिछले चुनाव के अनुभव से यह सबक लेने के बाद प्रचार सामग्री बनाने वाली यूनिटों में बिजनेस ट्रेंड में कुछ ऐसे जरूरी बदलाव पर विचार-विमर्श जारी है, जो काफी हद तक नुकसान से बचाएगा। वैसे इस बरस कारोबार बेहतर जाने की संभावना है क्योंकि विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो जाएंगी।
इसलिए ज्यादा एडवांस
पिछले कुछ चुनाव सबक देने वाले रहे। विजय या पराजय। दोनों ही स्थितियों में काम का भुगतान शत-प्रतिशत नहीं होना पाया गया। बेहद पीड़ादायक स्थिति थी। इसलिए फ्लेक्स, बैनर और होर्डिंग बनाने वाली कलर प्रिंटिंग यूनिटों के बीच एडवांस ज्यादा से ज्यादा लिए जाने पर सहमति बन रही है ताकि नुकसान का प्रतिशत कम से कम हो।

यहां सतर्कता ज्यादा
पोस्टर और पाम्पलेट के दिन लद गए। जमाना है फ्लेक्स, बैनर और होर्डिंग का। निर्माण लागत में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। इसलिए राजधानी और न्यायधानी की मल्टी कलर प्रिंटिंग यूनिटों ने बेहद सतर्कता और सावधानी के साथ काम करने की योजना बनानी चालू कर दी है। अब ध्यान ऑर्डर लेते समय ली जाने वाली एडवांस रकम की ओर होगा।
अभी यह रेट
मल्टी कलर फ्लेक्स और बैनर के लिए फिलहाल 6 से 8 रुपए प्रति फीट की दर चल रही है। इसमें आंशिक वृद्धि के संकेत इसलिए मिल रहे हैं क्योंकि जरूरी शीट, केमिकल और कलर की दरों में वृद्धि होने लगी है। चुनाव के दौरान इस काम के लिए 8 से 10 रुपए प्रति फीट का अनुमान लेकर यूनिटें तैयारी कर रहीं हैं।

दोनों की तैयारी एक साथ
साल के अंत में विधानसभा चुनाव और कुछ महीने के बाद लोकसभा चुनाव। इसलिए यह क्षेत्र दोनों की तैयारी एक साथ कर रहा है। केमिकल,कलर और शीट के लिए स्थिति देखकर आर्डर दिए जाने की योजना है, तो कुशल ऑपरेटरों की खोज- खबर ली जाने लगी है।
प्रचार सामग्री की दरों में आंशिक वृद्धि संभव है क्योंकि जरूरी सामग्रियों की कीमत ज्यादा हो चुकी है। एडवांस को लेकर विचार- विमर्श जारी है। जिस पर आम सहमति के बाद फैसला लिया जाएगा।
– अनिल अग्रवाल, अंकुर प्रिंटर्स, बिलासपुर