शिक्षक को स्कूल बुलाने से ऑनलाइन कक्षा हो रही प्रभावित संक्रमण का भी डर

बिलासपुर। शिक्षको को नियमित स्कूल बुलाने का मामला डीओं के मौखिक आदेश के बाद तूल पकड़ लिया है। हालकि इस संबंध में डीओं ने लिखित आदेश देने से इंकार करते हुए जरुरत के हिसाब से शिक्षको को बुलाने की बात कही है। शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला बहतराई में शिक्षको के संक्रमित होने के बाद वहां के स्टॉफ में रोष है। जिसके बाद उन्होने लिखित ज्ञापन प्राचार्या को दिया इससे पूरे जिले में नियमित शिक्षको को स्कूल बुलाने का मामला तूल पकड़ लिया है। कोरोना संक्रमण के कारण शासन ने निजी और सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया साथ ही शिक्षको को भी शाला न आ कर वर्क फॉर्म होम के तहत ऑनलाइन कक्षा लेने के निर्देश दिए। स्थिती नियंत्रण में होते देख नए छात्रों के दाखिले के लिए शिक्षको को रोटेशन में बुलाने के लिए कहा था। अब दाखिले का काम खत्म होने के बाद भी प्रचार्य नियमित रुप से स्टॉफ को शाला बुला रहें है। बहतराई स्कूल के शिक्षकों ने बताया समस्त व्यसख्याता, शिक्षक, सहायक शिक्षक तथा कर्मचारियों को नियमित रुप से शाला आने का मौखिक आदेश दिया है। परंतु आदेश की लिखित पुष्टि अब तक नहीं की गई है। नियमित रुप से छात्रविहीन शाला में शिक्षकों की भीड़ लग जाने से शासन की महत्वपूर्ण योजना पढ़ाई तुंहर द्बार की ऑनलाइन एवं ऑफ लाइन पढ़ाई प्रभावित हो रही है। उच्च कार्यालय ने विद्यालय में प्रशासनिक कार्य के सम्पादन जैसे बोर्ड परीक्षा कार्य छात्रवृत्ति प्रवेश सभी तहर का काम पूरा हो गया है। शाला में आवश्यकता अनुसार शिक्षको को बुलाने का आदेश आया है। लेकिन प्रचार्या समस्त स्टॉफ को नियमित स्कूल आने के आदेश दिए गए है।
-0 लापरवही के कारण बहतराई स्कूल के कई शिक्षक हो चुके है पॉजिटीव
बहतराई स्कूल के शिक्षको ने बताया कि शिक्षको को नियमित रुप से स्कूल बुलाने के कारण कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है। शासन ने सोसल डिस्टेंसिंग बरतने के निर्देश दिए है। जो नहीं बरती जा ही है। पहले भी 15 अगस्त में स्कूल प्रबंधन ने शिक्षको के साथ आस-पास के जनप्रतिनिधी को बुलाकर ध्वजारोहण कार्यक्रम कराया था जिसके बाद शिक्षको की तबीयत खराब हुई और जांच कराया तो उसमें से कई शिक्षक पॉजिटीव निकल गए थ्ो। फिर स्कूल में होने वाली पूरक परीक्षा को दूसरे केंद्र में कराना पड़ गया था। इस बार फिर मनमर्जी चलाते हुए शिक्षको को स्कूल बुलाया जा रहा है। जिससे फिर संक्रमित होने का खतरा बना हुआ है।
-0शिक्षको को देख बच्चे भी पहंुच जाते है स्कूल संक्रमण का खतरा
बहतराई स्कूल में नियमित शिक्षको को स्कूल बुलाया जाता है। ऐसे में उन्हें स्कूल में देख छात्र-छात्राएं भी पहंुच जाते है। शिक्षक उन्हें भगा तो नहीं सकते ऐसे में उन्हें मजबूरन एक दो कक्षा लेकर घर भ्ोज दिया जा रहा है। प्रचार्या के मनमर्जी के कारण शिक्षको के साथ ही वहां आने वाले बच्चों को भी कोरोना संक्रमण होने का खतरा बना हुआ है।
-0 नियम… मौखिक आदेश के बाद उसकी पुष्टि जरुरी
शासन के नियम के 6 फरवरी 2०14 के निर्देशनुसार यदि कोई मौखिक आदेश दिया जाता है तो बाद में उसकी लिखित पुष्टी करना जरुरी होता है। लेकिन पूरे जिले के स्कूल में प्रचार्य बिना लिखित आदेश के शिक्षको को स्कूल बुला रहें है। ऐसे में शिक्षको ने ज्ञापन देते हुए जिला शिक्षा अधिकारी से पूछा है कि क्या वाकई में आने ऐसा कोई आदेश दिया है कि सभी शिक्षक नियमीत स्कूल आए तो वो आदेश की पुष्टि कर दिजिए ताकि यदि कोरोना संक्रमण फैलाने के लिए हमपर कोई कानूनी कार्यवाही हो तो वो आदेश दिखाकर हम अपना बचाव कर सकें।
-0 संस्था प्रमुख अपने विवेक से फैसला ले
बहतराई स्कूल के सभी शिक्षको ने प्रचार्या को नियमित स्कूल बुलाने के संबध में लिखित आदेश की पुष्टि मांगी तो उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी अशोक भार्गव को पत्र लिख इस संबंध में मार्गदर्शन मांगा जिला शिक्षा अधिकारी अशोक भार्गव ने इस संबध में जानकारी देते हुए कहा कि रोटेसन के हिसाब से शिक्षको को बुला सकते है। ताकि आने वाले बोर्ड परीक्षा और छात्रवृत्ति के संबंध में छात्रों को कोई परेशानी न हो इसमें पहले ही बैठक आयोजित कर मार्गदर्शन दे दिया गया है। यदि स्कूल के सभी काम हो गए हो और संस्था प्रमुख को लगता है कि आध्ो स्टॉफ में काम चल सकता है। तो वो अपने विवेक का प्रदर्शन करते हुए कम स्टॉफ भी बुला सकते है।